लखनऊ: बाबा जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत जी महाराज ने कहा कि शराब और मांसाहार ही राजनीति और समाज में सभी बुराइयों की जड़ है। जबसे मांसाहार बढ़ा है, अपराध और भ्रष्टाचार में बढ़ोत्तरी हुई है। जीव हत्या सबसे बड़ा पाप है। इसके लिए संविधान में बदलाव जरूरी है। जिस दिन संविधान बदल गया देश सुधर जाएगा और झगड़े-फसाद बंद हो जाएंगे।
दुनिया के बाजार में काल और माया के जाल में फसें जीवों को कहानियों, प्रसंगों के माध्यम से समझा-चेता कर अपने निज घर सतलोक चलने की इच्छा जगाने वाले इस समय के पूरे सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन आश्रम पर नव वर्ष कार्यक्रम में दिए सतसंग में दृष्टांत देकर समझाए पूरे सन्त के सतसंग के लाभ। आप भी सुनिए और अमल करके फायदा उठाइये। उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर सारे बीमारी की जड़ में खान-पान है। बाहर का दूषित भोजन, मदिरा सेवन और मांस का आहार करने से पशुओं की बीमारी मनुष्य के अदंर पहुंच रही है। जिसका इलाज ढूंढने में डाक्टर और वैज्ञानिकों को भी अलग से शोध करना पड़ रहा है। कहा कि मांस खाने और शराब पीने से मनुष्य के अंदर का ब्लड दूषित हो जाता है, जब यह दूषित होता है तो व्यक्ति का ब्लड प्रेशर चढ़ जाता है। गुस्सा आता है। और वह गलत काम कर बैठता है। जब हम गलत कामों में लिप्त रहेंगे तो अच्छाई कैसे आएगी।