लखनऊ: टीएमसी और एनसीपी जैसी पार्टियों की सीटों का उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब तक राष्ट्रीय जनता दल जो समाजवादी पार्टी का सबसे अहम सहयोगी दल रहा है. उसके प्रत्याशियों की घोषणा ना होने पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल ने अपने सिंबल से लड़ने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल समाजवादी पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़ना चाहता है बता दें राष्ट्रीय जनता दल को 3 सीट मिलने की उम्मीद है जिसमें राजद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह व महिला राजद की प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर ममता मेहरोत्रा व एक अन्य सीट है. जो की लालू परिवार की नजदीकी सीट है. इसको लेकर बातचीत जारी है कैंट विधानसभा सीट को लेकर पेच फंसा हुआ है इस सीट से मुलायम सिंह यादव जी की बहू अपर्णा यादव उम्मीदवार थी. पर परिवारिक कला के कारण यह सीट उनको नहीं मिल पा रहे हैं.
इसलिए वह भाजपा का दरवाजा खटखटा रही है दूसरे उम्मीदवार मेजर आशीष चतुर्वेदी हैं लेकिन वह भी चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में है उसका कारण सूत्र बताते हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की करीबी सपा की युवा नेता सौम्या भट्ट इस सीट से चुनाव लड़ना चाहती है. सौम्या लखनऊ में एक शिक्षण संस्था चलाती और उनकी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता की है उन्होंने कहा कि है कि मैं यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं मुझे पूरा भरोसा है. पार्टी मुझे टिकट यहां से देगी सपा के सूत्र बताते हैं सौम्या डिंपल यादव और अखिलेश की करीबी हैं. इस परिवारिक जंग में अब देखना होगा यह सीट सपा को मिलती है या राजद को राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि अगर समाजवादी पार्टी राजद को या टिकट देती है और इंजीनियर ममता मेहरोत्रा को लड़ाती है तो वह इस बात से बच जाएगी कि मैंने गठबंधन को सीट दी है. इंजीनियर ममता मेहरोत्रा खुद ब्राह्मण परिवार से हैं और राष्ट्रीय जनता दल उत्तर प्रदेश की पूरी इकाई मजबूती से साथ दे रही है. सबसे अहम बात यह है कि एक कारपोरेट घराना इनके साथ है सूत्र बताते हैं हो सकता है यह सीट सपा अपने सहयोगी दल को देकर अपने पारिवारिक विवाद से छुटकारा पा सकती है. अब अगला कदम अपर्णा यादव के भाजपा जाने पर होगा असल जो मुद्दा है सिंबल का है जो राजद नहीं चाहता अपने सिंबल से चुनाव लड़ना इस मुद्दे पर राजद के लखनऊ जिला अध्यक्ष राकेश यादव ने बताया चुनाव के लिए समय कम है हम चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े क्योंकि हमारे सिंबल को जनता के बीच पहुंचाने का समय नहीं है इस पर हमारी पार्टी के हाईकमान और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से बातचीत जारी है जल्द ही इसका फैसला हो जाएगा।