लखनऊ। एक घरेलू विवाद की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है । हाई कोर्ट के जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच एक पति की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसकी पत्नी ने अपने पति पर क्रूरता और दहेज की मांग करने का आरोप लगाया था और यह शादीशुदा कपल साथ रहने को तैयार नहीं था.

सुनवाई के दौरान जस्टिस एसवी कोतवाल ने आदेश में कहा, “एफआईआर से पता चलता है कि पति और पत्नी एक साथ नहीं रह सकते हैं. उनके बीच लगातार झगड़े होते थे.” मामले की सुनवाई के दौरान, जस्टिस कोतवाल ने गुस्से में यह भी टिप्पणी की थी कि “जोड़ियां स्वर्ग में नहीं, नरक में बनती हैं.”
जस्टिस कोतवाल ने कहा, दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि पति की हिरासत से इस मुद्दे का हल नहीं होगा. जांच के उद्देश्य से भी पुरुष से हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. उसे जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए कहा जा सकता है. आरोप और जवाबी आरोप हैं, जिनका फैसला केवल सुनवाई के दौरान ही किया जा सकता है.https://gknewslive.com

लेखिका- कीर्ति गुप्ता

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