लखनऊ: यूपी के विधान परिषद चुनाव में छोटे दलों और बागियों की भूमिका और राजनीति में सियासी गठजोड़ की नई दिशा तय करेगी। विधान परिषद के लिए अगर मतदान हुआ तो ये तय हो जायेगा कौन किस पार्टी को वोट करेगा। यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में कौन किस पार्टी में गठबंधन करेगा इसका अंदाजा हमे एमएलसी चुनाव से हो जायेगा।

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विधान परिषद चुनाव के लिए तस्वीर हालांकि अभी पूरी तरह से साफ नहीं हुई है। सपा ने दो उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वो कितने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। ऐसा ही कुछ बसपा के साथ है। बसपा ने राज्यसभा चुनाव में विधायक संख्या बल न होते हुए भी रामजी गौतम को मैदान में उतारकर सभी को चौंकाया था। लिहाजा, अभी यह नहीं कहा जा सकता कि बसपा मैदान में आएगी या बाहर से ही खेल खेलेगी लेकिन छोटे दलों के विधायक किस खेमे में नजर आते हैं यह अधिक मायने रखता है।

4 वोट सबसे अहम…

विधान परिषद चुनाव में 14 वोट सबसे अहम होंगे। कांग्रेस के सात, सुभासपा के चार और निर्दल तीन विधायक हैं। इन पर सभी की नजर होगी। सुभासपा किसी समय भाजपा गठबंधन की हिस्सा हुआ करता थी, लेकिन इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भाजपा विरोधी हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनके विधायक किसके साथ जाते हैं। कांग्रेस के सात विधायक हैं इसमें से दो अदिति सिंह व राकेश सिंह राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट कर चुके हैं। यह देखना काबिलेगौर होगा कि कांग्रेस के बाकी विधायक किसे वोट करते हैं। निर्दल तीन विधायक है। इनका साथ किसे मिलेगा यह भी महत्वपूर्ण होगा। रालोद का एक विधायक है और वह सपा गठबंधन का हिस्सा रहा है।

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मायावती ने राज्यसभा चुनाव के समय कहा था कि विधान परिषद चुनाव में सपा को हराने के लिए उसके विधायक भाजपा को भी वोट कर सकते हैं। अब देखना होगा कि मायावती के विधायक किसको वोट करते हैं। यह बात अलग है कि बसपा के पांच विधायक राज्यसभा चुनाव के समय बागी हो गए थे, लेकिन पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं थी। यह दिलचस्प होगा कि बसपा अपने विधायकों को कितना सहेज के रख पाती है। शिवपाल वैसे से जसवंतनगर से सपा के विधायक हैं, लेकिन उन्होंने प्रसपा नाम से अलग पार्टी बना रखी है। देखना होगा कि विधान परिषद चुनाव में वह किसे वोट करते हैं। सपा का साथ देते हैं या फिर मतदान से दूर रहते हैं।

यह नहीं कर पाएंगे वोट

मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा जेल में हैं। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए यह वोट नहीं कर पाएंगे।

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