पहले से ही गरीबी और कमजोर अर्थव्यवस्था की वजह से परेशान पाकिस्तान को कोरोना महामारी ने और कंगाली की हालत में पहुंचा दिया है। आलम यह है कि उसके पास कर्ज की किस्तें चुकाने को पैसे नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि कोरोना महामारी के के खत्म होने तक कम आमदनी वाले और सबसे अधिक प्रभावित देशों की कर्ज अदायगी को स्थगित कर दिया जाए और बेहद करीब देशों के कर्ज को माफ कर दिया जाए। शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कोरोना महामारी ने ‘गरीबी में आटा गीला’ वाली स्थिति पैदा कर दी है। इमरान खान की सरकार संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष सहित वैश्विक संस्थाओं से पैसा जुटाने की कोशिश में है। डाउन न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को कोविड-19 पर यूएन जनरल असेंबली के स्पेशल सेशन में खान ने 10 पॉइंट का अजेंडा रखा और कोविड-19 महामारी को हराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कुछ अपीलें कीं।
इस सूची में सबसे पहले उन्होंने कर्ज अदायगी पर रोक की ही बात की और कहा कि महामारी के खत्म होने तक कम आमदनी और सबसे अधिक प्रभावित देशों से कर्ज वसूली रोक दी जाए। अगले प्वाइंट में इमरान खान ने कहा कि ऐसे देश जो कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, उनके कर्ज को रद्द कर दिया जाए। अजेंडा में दूसरे आइटम्स के तहत विकासशील देशों में पब्लिक सेक्टर के लोन को रिस्ट्रक्चर करने, 500 अरब डॉलर के स्पेशल आवंटन, कम आमदनी वाले देशों को सस्ते दर पर बैंक लोन आदि की मांग की है।
नोवल कोरोना वायरस से पाकिस्तान में 4 लाख 10 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8 हजार 260 लोगों की मौत हुई है। इमरान खान ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर वैश्विक संकट है। गुरुवार को शुरू हुए यूएनजीए के वर्चु्अल स्पेशल सेशन में 100 से अधिक देशों के नेता और दर्जनों मंत्री शामिल हो रहे हैं।