लखनऊ: दो जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में पकडऩे गई पुलिस की टीम पर दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके साथियों ने सेमी ऑटोमेटिक रायफल से प्रतिबंधित अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस चलाए गए थे। पुलिस ने उस रायफल व अन्य हथियारों को बरामद करने के लिए विकास व उसके करीबियों के घर बुलडोजर से ध्वस्त करा दिए थे, लेकिन सेमी ऑटोमेटिक रायफल नहीं मिली। हालांकि कुछ तमंचे, बम आदि मिले थे। अब उस रायफल को ढूंढने के लिए जनता की मदद लेने की तैयारी हो रही है।

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कानपुर जनपद के सतरू गांव में आठ पुलिसवालों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे (विकास दुबे) सहित उसके छह गुर्गे एनकाउंटर में मार गिराए गए। वहीं अन्य सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद भी पुलिस (यूपी पुलिस) दो 2 सेमी नेवीटिक राइफल को बरामद नहीं कर पाई है, जिसका इस्तेमाल पुलिसवालों पर फायरिंग करने के लिए किया गया था। आईजी मोहित अग्रवाल (आईजी मोहित अग्रवाल) ने राइफलों की सूचना देने वालों को 25000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।

विकास दुबे के भाई और गुर्गे की है राइफल

आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा कि राइफल के बारे में जानकारी देने वाले को इनाम दिया जाएगा। आपको बता दें कि सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने पुलिस के लूटे जोहे के और विकास के गुर्गों की तस्वीरों को बरामद की थी। कुछ समय पहले विकास के भाई दीपक उर्फ ​​दीपक दुबे ने लखनऊ में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने सतरू कांड के आखिरी आरोपी विपुल दुबे को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने दीपू, विपुल और उमाशंकर से पूछताछ की तो पता चला कि सेमी ज्वेटिक राइफल दीपक दुबे की थी जो एक साल पहले से विकास दुबे इस्तेमाल कर रहा था। इसके साथ ही विकास की एक और गुर्गे के पास सेमी अटारी राइफल था।

 

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