लखनऊ: गुरुवार को विधानसभा में अनोखा नजारा देखने को मिला, दरअसल यहां पर महिलाओं के लिए विशेष सत्र रखा गया था, जिसमें पक्ष और विपक्ष की महिला विधायकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिसकी सराहना करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि ‘महिलाओं को हर मुद्दे पर खुलकर बोलने की, अपना पक्ष रखने की पूरी स्वतंत्रता है। सभी महिलाएं खुद को सिर्फ एक दिन की चर्चा तक ही सीमित न रखें, वो हर मुद्दे पर प्रश्न कर सकती हैं और खुलकर अपने विचार रख सकती हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘महिला सदस्यों से कराई गई विशेष चर्चा को पूरे देश ने देखा है और जल्द ही इसके सार्थक परिणाम हमें देखने को मिलेंगे।’

‘मुझे आवाज उठाने दो, हाशिये से उठकर मुख्य पटल पर आने दो’

बहराइच से भाजपा विधायक अनुपमा जायसवाल ने शायरी के माध्यम से जब कहा कि ‘मुझे आवाज उठाने दो, हाशिये से उठकर मुख्य पटल पर आने दो, आखिर कितनी परीक्षाएं लोगे, मुझे भी आजमाने दो’ तो पूरा सदन तालियों से गूंज उठा।

‘महिला सफलता में पीछे नहीं, साथ खड़ी दिखनी चाहिए’
महिला विधायकों की हौसला अफजाई करते हुए सतीश महाना ने कहा कि ‘अब तक यह कहा जाता था कि महिलाएं सदन में नहीं बोलती हैं, लेकिन प्रदेश की महिला सदस्यों ने इस मिथक को तोड़ दिया है।सभी को खुलकर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। अक्सर कहा जाता है कि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ है, हमें इसे बदलना है। महिला सफलता में पीछे नहीं, साथ खड़ी दिखनी चाहिए।'”पुरुष, थोड़ा धीरज रखें”

 

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