लखनऊ: गुरु के, प्रभु के अंतर में 24 घंटे दर्शन करवाने वाले जिससे बाहर फोटो लगाने की जरूरत नहीं रहती। भारत की पावन भूमि पर जन्म लेकर विदेश के समान भोग व्यवहार न करने और अपने मनुष्य जीवन के असली उद्देश्य की प्राप्ति का मार्ग बताने वाले, अपने भक्तों के पुराने पाप कर्मों की सजा को कम या पूरी तरह से मिटाने यानी माफी देने का अधिकार जो अवतारी शक्तियों के पास भी नहीं होता इतनी जबरदस्त ताकत वाले इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि फोटो इसलिए लगाते हैं कि गुरु का चेहरा याद आ जाएगा तो ध्यान लगाने में आसानी रहेगी।

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जब अंदर में गुरु मिलने, दर्शन होने लगते हैं तब फोटो भी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। भारत देश योग भूमि और विदेश भोग भूमि है। सही तरीके से ध्यान लगाने से किसी से कहीं भी मिल सकते हो। नहीं भी ध्यान अगर बना तो वो इच्छा पूरी होने पर जैसे अनुभव होता है, ऐसे अनुभव हो जाएगा।

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