लखनऊ: निजधामवासी परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के एकमात्र आध्यात्मिक उत्तराधिकारी जिनसे ही इस समय कलयुग में जीवात्मा का उद्धार हो सकता है, आदि काल से चले आ रहे पांच नामों का नामदान देने में सक्षम, इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जयपुर में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आपकी जिम्मेदारी बनती है कि बच्चे-बच्चियां जब पढ़-लिखकर बड़े हो जाएं तो उनका शादी ब्याह देख करके कर दो। उनको इंतजार या खोजना न पड़े क्योंकि उनकी खोज गलत हो जाती है। जीवन का अनुभव न होने से रंग रूप धन दौलत पर चले जाते हैं। उनकी सोच ऐसी नहीं होती है कि इनसे हमारा निभेगा या नहीं, दिखावे में आ जाते हैं और उसी में जीवन बर्बाद हो जाता है।
आत्महत्या, जीवों की हत्या बहुत बड़ा पाप है
अभी आपके जयपुर की घटना। बैंक में मैनेजर लड़की से शादी कर लिया छठी पास। नहीं निभा। विचार भावनाएं, घर की संस्कृति नहीं मिलती हैं। लोग ताना मारते हैं तो जीवन जीना बड़ा मुश्किल हो जाता है। उसको अपने जान से भी हाथ धोना पड़ा, आत्महत्या कर लिया। अक्सर यह घटनाएं होती रहती हैं। आत्महत्या कभी भी कोई भी मत करना। आत्महत्या, जीवों की हत्या बहुत बड़ा पाप है। वह पाप की माफी नहीं होती है इसलिए कितनी भी मुसीबतें आये, संघर्षमय जीवन समझ करके, मुसीबतों का सामना करना चाहिए। बुजदिली मत लाना कि चलो जहर खालें, फांसी पर लटक जाएं, ट्रेन से कटकर मर जाएं, जीवन लीला खत्म कर दें- ऐसा मत करना।
देख परख करके शादी-ब्याह करो, आपकी जिम्मेदारी बनती है
आपकी जिम्मेदारी बनती है, नहीं तो यह भटक जाते हैं। जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। बहुएं सेट नहीं हो पाती हैं। लड़के भी ऐसे मिल जाते हैं कि कमाकर खिला नहीं सकते, लड़की की इच्छा की पूर्ति नहीं कर सकते। इसलिए देख लो, समझ लो, परख लो, शाकाहारी परिवार मिल जाए सतसंगीयों कर दो।
घर बनाने से लेकर नौकरी बिजनेस के उपाय
लोग हमसे पूछते हैं घर बना लें? बना लो। प्लाट खरीद लें? खरीद लो। लेकिन झगड़े-झंझट का, सरकारी जमीन का मत लेना। कागज देख लो, खरीद लो। ऐसा न हो की कल ही खाली करना पड़े। पुराने की बजाय नया घर खरीद लो, बना लो। बिजनेस दुकान कोई भी काम करो, ठीक से समझ सीख करके करो तो आपको धोखा नहीं मिलेगा। नहीं तो इस समय पर नीयत खराब होने में देर नहीं लगती है। दो-दो मिनट में जुबान बदल जाती, नीयत खराब कर लेते हैं लोग। इसलिए कैसे माना जाए कि राजा हरिश्चंद्र हैं। आपको लोभ-लालच में डालकर के धन को खींच लेते हैं। इसलिए अनुभव करके कोई काम करो। यह सब काम कर लो। यह सब पूछने का अब वक्त नहीं रह गया। पुराने सतसंगी जो गुरु महाराज से हर बार बात पूछते थे जैसे बोरिंग करा लें, खेत में सरसों बोयें या आलू? आदि। अब कहां तक को बताया जाए (संगत बहुत बढ़ गयी है) इसलिए सब मंच से बता देता हूं कि आप इसको कर लो। पढ़े-लिखे बच्चों! खाली मत बैठो। जब अच्छा काम मिले तो उसमें चले जाना नहीं तो समय बेकार चला जाएगा, जीवन में निराशा आ जाएगी। एक कंपटीशन में जब नहीं आ पाओगे तो थोड़ी निराशा आ जाएगी। दो बार तीन बार में फेल हो गए तो जीवन से निराश हो जाओगे। नौकरी में कम से कम प्रमोशन का चांस तो रहे। न अच्छी नौकरी मिल तो अनुभव के आधार पर तरक्की का मौका रहे। कर लो काम।
इस समय पर शाकाहार का प्रचार करने की जरूरत है
आप सब लोग थोड़ा प्रचार करो, शाकाहारी रहने का, लोगों को अच्छा बनाने का। अच्छा समूह अपना बनाओ, अच्छा मंच तैयार करो। अपने-अपने तौर-तरीके से ही लोगों को इकट्ठा करके, पास में बैठ करके समझाओ। पर्चा बांटो, पोस्टर लगाओ, रैली यात्रा निकालो, कैसे भी हो, लोगों को समझाओ, इस समय पर है जरूरत।