लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी पशोपेश के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है। यही नहीं हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि 17 मार्च तक सभी सीटों के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि 18 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है।

दरअसल, चुनाव आयोग ने अपने शेड्यूल में हाईकोर्ट को बताया कि पिछली 22 जनवरी को पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार हो गई है। 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा कर लिया गया है, लेकिन सीटों का आरक्षण राज्य सरकार को फाइनल करना है। यही कारण है कि अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आयोग ने बताया कि सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिन का समय लगेगा।

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21 साल पहले आयोग ने बनाया था रिकॉर्ड
वैसे आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2000 में आयोग ने 37 दिनों में ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। इसके बाद वर्ष 2005 में दो राउंड में चुनाव हुए, जिसमें पहला राउंड 41 दिन और दूसरा 33 दिनों में पूरा हुआ। 2010 में 45 दिनों के एक ही राउंड में पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में दो राउंड में चुनाव हुए, जिसमें पहला राउंड 42 दिनों का व दूसरा 37 दिनों का रहा था। अब इस बार हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार 17 मार्च को आरक्षण लिस्ट जारी हो और 30 अप्रैल तक चुनाव हो जाने हैं। ऐसी स्थिति में आयोग अगर 18 मार्च को अधिसूचना जारी करता है तो 30 अप्रैल तक उसे 43 दिनों का समय मिल जाएगा, जो उसके लिए काफी है। आयोग कोर्ट को बता चुका है कि वह तय समय-सीमा में चुनाव कराने को तैयार है। मतदाता सूची प्रकाशित हो चुकी है। यही नहीं 52.50 करोड़ मतपत्र व 90 हजार मतपेटियां जिलों में भेजी जा चुकी हैं। यही नहीं स्याही का ऑर्डर भी किया जा चुका है।https://gknewslive.com

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