कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में भगवान की आस्था के नाम पर समाधि लेने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अंधविश्वास और आस्था के बीच फंसी एक महिला ने भगवान शिव से मिलन की चाह में जिंदा ही समाधि ले ली. अंधविश्वास इतना प्रचंड है कि ग्रामीणों ने महिला को मना करने के बजाय उसे समाधि दिलवा दी और गांव की महिलाएं ढोलक बजाकर भजन करती हुई नजर आई. महिला के समाधि लेने के बाद उसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जमा हो गए.
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यह मामला कानपुर में घाटमपुर के सजेती थाना क्षेत्र के मढ़ा गांव का है, जहां दयाश्री नामक महिला ने आस्था के नाम पर आज 48 घंटे के लिए जिंदा समाधि ले ली. हैरानी की बात ये है कि परिजन और ग्रामीण गयाश्री को मना करने के बजाय उसे समर्थन करते हुए नज़र आए. गयाश्री के समाधि लेने की वजह की बात की जाए तो पति रामसजीवन ने बताया गयाश्री पिछले 5 वर्षों से भगवान शिव की भक्ति में लीन हैं.
उन्होंने बताया कि भगवान शिव गयाश्री को साक्षात दर्शन देते है और भगवान ने ही उसे समाधि लेने के लिए कहा,जिसपर गया श्री ने समाधि ले ली. वहीं गयाश्री के पुत्र अरविंद और पुत्री सुमित्रा ने बताया कि उनकी मां पिछले कई वर्षों से भगवान शिव की तपस्या कर रही थी एक दिन अचानक भोलेनाथ सामने प्रकट हुए और समाधि लेने को कहा और माँ ने भगवान के आदेश का पालन करते हुए समाधि ले ली.
प्रभु का था आदेश, प्रभु माफ नहीं करेगा…
गयावती उर्फ गोमती को समाधि से बाहर निकालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और इस दौरान जब गयावती उर्फ गोमती को समाधि से जबरन बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाने की तैयारी की जाने लगी तो गुस्साई महिला ने पुलिस वालों से कहा कि प्रभु का आदेश था। तुम सबने मिलकर मेरी तपस्या भंग की है या ठीक नहीं किया है। प्रभु किसी को माफ नहीं करेंगे। सबको बराबर सजा मिलेगी।
एसडीएम ने कहा ये
एसडीएम अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि समय रहते महिला को गड्ढे से बाहर निकालकर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। महिला की स्थिति सामान्य है। ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि अंधविश्वास के चलते उसने बताया था कि भगवान ने सपने में उसे समाधि लेने का आदेश दिया था इसलिए उन्होंने ऐसा किया है।