लखनऊ : देश को नुक्सान न होने पाए इसके लिए खुले मंच से डंके की चोट पर सभी को सावधान करने वाले पक्के देशभक्त, संकट में लोगों की रक्षा का उपाय बताने वाले, एक बार खुद प्रयोग करके अपनी शंका दूर कर फायदा उठाने के लिए सभी को प्रोत्साहित करने वाले, धर्म और कर्म दोनों की शिक्षा देने वाले, मरने के पहले शरीर की और बाद में आत्मा की भी संभाल करने वाले, वर्तमान के महापुरुष, पूरे समरथ सतगुरु, दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने सन्देश में बताया कि गुरु का नाम और काम बढ़ाने में मैं बराबर लगा हुआ हूं कि इस समय पर भगवान का जीता जागता नाम जयगुरुदेव लोगों के कान तक पहुंच जाए और उसको लोग बोलने लग जाए, फायदा उठाने लग जाए। 40-42 देशों में गुरु महाराज का फोटो लगवा दिया। वहां प्रेमी अपने-अपने तौर-तरीके से प्रचार कर रहे हैं। जो जितना कर सकते हैं, जयगुरुदेव नाम के बारे में बता रहे, फैला रहे, लोगों को फायदा दिला रहे। वर्णनात्मक जयगुरुदेव नाम है, उसका फायदा लोगों को मिल रहा है।

जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलकर तकलीफों बीमारियों में राहत पा रहे हैं लोग

जिस तरह से त्रेता में राम नाम से, द्वापर में कृष्ण, कलयुग में कबीर साहब के जगाये नाम सतसाहेब से, नानक जी के जगाये हुए नाम वाहेगुरु से, शिवदयाल जी के नाम राधास्वामी से लोगों ने उस समय पर फायदा उठाया, ऐसे ही इस समय पर जयगुरुदेव नाम से लोग फायदा उठा रहे हैं, मुसीबतों बीमारियों में जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोल करके उसमें राहत पा रहे हैं।

आप भी एक बार जयगुरुदेव नाम बोलकर परीक्षा लेकर देख लो

जैसे बहुत से लोग जयगुरुदेव नाम पर शंका कर लेते हैं कि ये तो अपना प्रचार करने के लिए, अपना जमात टोली बनाने बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। जल्दी लोगों को विश्वास नहीं होता है। तो आजमाइश कर लो। डंके की चोट पर प्रेमी कहते हैं कि जब कोई सहायक न हो, सभी देवी-देवता भुइयां-भवानी जितने भी पितृ आदि मान्यता वाले हैं सबको याद कर लो। जब कोई सहायक न हो तब जयगुरुदेव नाम बोलकर के परीक्षा लेकर के देख लो कि आपका फायदा, बचत होती है कि नहीं होती है। जो समझदार बुद्धिमान लोग होते हैं वो विचार करते हैं कि (एक बार खुद प्रैक्टिकल) करके देखा जाए। और जब फायदा, बचत हो जाती है तो मान लेते हैं।

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जसि कीन्हि तो फल तसि चाखा

कर्मों कि सजा तो भोगनी पड़ती है। इसलिए मछली, मांस, अंडा मत खाना, ऐसे नशे का सेवन मत करना जिससे बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और मां, बेटी, बहन, बहू की पहचान आंखों से खत्म हो जाती है। नशेडी आदमी का कौन क्या चीज क़ब छीन ले, मोबाइल चैन अंगूठी जेब से पैसा निकाल ले, कोई जमीन जायजात के कागज़ पर दस्तखत करा ले, नशेडी से कोई क्या कब कुछ करा ले। नशे में अगर आदमी पड़ा है तो क्या देश की रक्षा कर पाएगा, क्या कुर्सी की, मर्यादा की रक्षा कर पाएगा, क्या धर्म-कर्म की रक्षा कर पाएगा? नहीं कर सकता। ऐसे नशे का सेवन मत करना जिससे होश में न रह जाओ जैसे शराब अफीम कोकीन तमाम नशे की गोलियां आदि, इनका सेवन मत करना।

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