धर्म कर्म: सब जीवों को अपना समझने वाले, साधना जल्दी बनने के तरीके बताने वाले, इस दुःख के संसार में दुःख से बचने के उपाय बताने वाले, सफलता प्राप्त करने के जबरदस्त उपाय बताने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने नव वर्ष कार्यक्रम में उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि (नामदान लेने के लिए) आपको जाति धर्म कुछ नहीं छोड़ना, न अपनी लड़की की शादी दूसरी जाति में करना।
समाज की बनी मर्यादा को हम तोड़ नहीं रहे हैं। वह भी बनाए रखना चाहिए। हमारे यहां तो कोई जाति-पाति पूछता ही नहीं है क्योंकि भजनानंदी प्रभु को भजता, सब में देखता है। उस प्रभु की जीवात्मा तो सब में एक ही है। हाड़-मांस, कपड़ा या रंग में लोग फंस जाते हैं। इसी से तिफरका पैदा हो जाता है। लेकिन जो आत्माओं को, प्रभु को समझ लेता है वह सब से प्यार करता है, द्वेष किसी से नहीं करता।