धर्म-कर्म : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने होली कार्यक्रम में 7 मार्च 2023 को उज्जैन आश्रम में दिए संदेश में बताया कि होली का मतलब जो हो ली। जो होनी थी वो हो ली। यानी आपको इस दुःख के संसार में दुःख झेलने के लिए आना था, आ गए। तो अब इस काल के देश से निकलना भी तो है। अब हो लो, प्रभु के पास हो लो जहां अपना असली घर है। अभी तो कलयुग का रंग चढ़ा हुआ है, लेकिन जब पूरे सतगुरु मिलेंगे तब अपने वतन का रंग चढ़ेगा। फागुन में अपनी जीवात्मा में प्रभु से जोड़कर उनके जैसा गुण पैदा करो।

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महाराज जी ने होली पर भक्तों को अपनी गलतियों की माफ़ी मांगने, कर्मों की होली जलाने और अपने आत्म कल्याण के लिए परमार्थी काम करने का नया आदेश दिया और कहा कि इससे अन्न-धन की कमी नहीं रहेगी। महाराज जी ने कहा की, गांजा, भांग, अफीम, चरस, कोकीन व शराब जैसा नशा करने वाला दीन और दुनिया का सुख प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने प्रभु भक्तों को संदेश देते हुए कहा की, दिखावा व बनावटीपन स्थिर नहीं रहता है। परमार्थी को इससे दूर रहना चाहिए। क्योंकि जड़ और चेतन माया में फंसा जीव लोक व परलोक नहीं बना पाता।

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