लखनऊ : चिनहट क्षेत्र में स्थित छोहरिया माता मंदिर विगत 22 वर्षों से गरीब कन्याओं के लिए सहारा बना हुआ है। वर्ष 2000 में 5 कन्याओं के विवाह से शुरू हुई यह मुहीम आज 60 कन्याओं के विवाह तक पहुंच गई है।
छोहरिया माता मंदिर में मां सिद्धिदात्री शक्तिपीठ छोहरिया माता ट्रस्ट, की तरफ से शुक्रवार को 60 जोड़ों की पूरे रीति रिवाज के साथ शादी कराई गई। इसके साथ ही कन्याओं को यथाशक्ति अनुदान तथा जन सहयोग से उपहार भी दिए गए।
2000 में 5 तो 22 सालों बाद 60 जोड़ों ने लिए सात फेरे:-
छोहरिया माता मंदिर के महंत एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष लल्ला बाबा बताते हैं कि, कन्यादान धरती का सबसे बड़ा दान है। सन 2000 में 5 कन्याओं के विवाह से हुई शुरुआत आज 60 कन्याओं के विवाह तक पहुंच गई है। उनका कहना है कि जो भी मां-बाप गरीबी के कारण बेटी की शादी नहीं कर सकते हैं।
उनकी मद्द के लिए ये प्रयास शुरू किया गया था। जानकारी के मुताबिक, मंदिर प्रांगण में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस से भागवत पाठ के आयोजन के साथ ही विवाह की तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। जिसका समापन रामनवमी पर, मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विशाल भंडारे और गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह के साथ किया जाता है।