धर्म-कर्म : अपने प्रेमियों में वीरता, विद्वता भरने वाले, जीवात्मा को मुक्ति मोक्ष दिलाने वाले, प्रभु का साक्षात्कार कराने वाले, सभी को अपने कर्तव्यों कि याद दिला कर मानव, समाज, देश और पूरी मानवता का भला करने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने बताया कि भारत में समय-समय पर सन्त महात्मा आते रहे है। संत लोगों में वीरता, विद्वता भरते रहे है और मनुष्य शरीर को चलाने वाली जीवात्मा के मुक्ति मोक्ष का रास्ता बताकर उनको जीते जी प्रभु परमात्मा से साक्षात्कार भी करवाते रहे हैं।
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बाबा जयगुरुदेव जी महाराज भी उन्ही सन्तों में से एक थे। जयगुरुदेव नाम ध्वनि से जान-अनजान में बने कर्म की वजह से हुए रोग में भी आराम मिलेगा। जिस नाम की महिमा ग्रंथों में गाई गयी है, उसी वक़्त के नाम से कल्याण होगा। आज का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव है। महाराज जी ने बुद्धिजीवी वर्ग से प्रार्थना करते हुए कहा की, शंका पर विश्वास नहीं, समाधान करना चाहिए। शब्द से ही जीवात्मा जिंदा है। शब्द सही हैं तो जीवात्मा मुक्ति प्राप्त करेगी। महाराज जी ने बुद्धिजीवी वर्ग से कहा, शराब पीना, मांस का खाना यदि बंद नहीं हुआ तो कोरोना से भी तेज आने वाली बीमारियों से बच पाना बहुत मुश्किल होगा। अभी समय बहुत खराब है और लेकिन आने वाला समय इससे भी ज्यादा खतरनाक होने वाला है। शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है। शराब और मांस खाने से तरह-तरह की बीमारियां आ जाती हैं। इसलिए लोगों को शराब और मांस का सेवन बंद कर देना चाहिए। साथ ही अपने बचाव और लोगों के कल्याण के लिए जयगुरुदेव नाम का ध्यान, भजन और सुमिरन करना शुरू कर देना चाहिए।