बरेली। पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्य की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बनारस की रहने वालीं ज्योति मौर्य एक बेहद साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता की अपनी एक चक्की की दुकान है। वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थीं, लेकिन पिता ने ग्रेजुएशन करने के बाद अपनी बेटी की शादी साल 2010 में आलोक मौर्य से कर दी थी।

आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या के विवाद में एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें एक शादी का कार्ड ज्योति ने मीडिया के सामने दिया है. शादी के कार्ड के अनुसार, तब आलोक मौर्य ने अपने आपको ग्राम पंचायत अधिकारी के तौर पर दिखाया था. वहीं, ज्योति का कहना है कि उनके पति ने उनसे अधिकारी बता कर शादी की थी, लेकिन सच्चाई कुछ और निकली.

वहीं, ज्योति के पति आलोक मौर्या का कहना है, “यह कार्ड मुझे फंसाने के लिए छपवाया गया है. क्योंकि जब शादी हुई तब यह अध्यापिका नहीं थीं, सिर्फ पढ़ रही थीं. कार्ड पूरी तरीके से झूठा है.” आलोक मोरिया का यह भी कहना है कि उनकी पत्नी पास कोई एलिमेंट नहीं है, इसलिए उनपर इल्जाम लगाने के लिए शादी के कार्ड को एक जरिया बनाया जा रहा है. आलोक के अनुसार, शादी के कार्ड पर तारीख, दिन, नाम, पता तो सही है लेकिन उनके नाम की नीचे लिखा गया ग्राम पंचायत अधिकारी गलत है.

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