लखनऊ: एक रुपये का छोटा सिक्का यूं तो वैध करेंसी है लेकिन लोग इस लेने को तैयार नहीं होते हैं। लोगों के लिए अब यह सिक्का परेशानी का सबब बन रहा है। सिक्का चलन में है, लेकिन दुकानदार सिक्के को लेने को तैयार नहीं होते। ऐसे में उपभोक्ता और कारोबारी के बीच अक्सर तकरार की नौबत आ जाती है।

आरबीआई की तरफ से एक रुपये के सिक्कों को बंद करने को लेकर कोई फरमान नहीं जारी किया गया है। बावजूद इसके लोग इस वैध करेंसी के लेन-देन में आनाकानी बरतते हैं। यही नहीं दस रुपये के सिक्के को लेकर भी आए दिन झड़प होती हैं। ग्राहक जब बिना ”आर” वाला दस का सिक्का देता है तो उसे भी लोग लेने को तैयार नहीं होते हैं।

ये है नियम, कानून भी है सख्त
अगर कोई भी व्यक्ति आरबीआई द्वारा जारी किए गए सिक्कों को नहीं लेता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के ऊपर रिपोर्ट तक दर्ज करायी जा सकती है। देश में वैध मुद्रा लेने से इनकार करने वालों पर आईपीसी की धारा 498(ए) से 498(ई) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

इन धाराओं के तहत किसी भी विधिक न्यायालय (कोर्ट-ऑफ-लॉ) द्वारा आर्थिक जुर्माना, कारावास या दोनों का प्राविधान है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति एक रुपये का छोटा सिक्का लेने से इनकार नहीं कर सकता है। तथ्यों के साथ उसकी शिकायत की जा सकती हैं।

इस संबंध में आरबीआई के इन्क्वायरी ऑफीसर राघवेन्द्र बताते हैं कि इसे लेकर बैंकों को निर्देशित किया गया है कि सभी एक रुपये के सिक्कों को स्वीकार करें। सरकारी बैंकों में जाकर ग्राहक अपने सिक्कों को बदल सकते हैं।

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