लखनऊ : नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में बुधवार को “बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने हेतु अभियान के तहत टिकट घर के दर्शक दीर्घा में दर्शकों की रूचि एवं जागरूकता उत्पन्न करने हेतु फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन प्राणि उद्यान की निदेशक अदिति शर्मा ने किया। यह फोटो प्रदर्शनी दर्शकों के लिए 17 सितंबर तक चलेगी । इसके बाद सारस प्रेक्षागृह में बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने हेतु अभियान पर आधारित जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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निदेशक ने कहा कि हमारे देश में बब्बर शेर, बाघ, तेंदुआ और वर्तमान में चीता जैसी बड़ी बिल्लियों का संरक्षण करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जा रहा है। कार्यशाला में आये दोनों विशेषज्ञ दुधवा नेशनल पार्क व विभिन्न सेन्चुरी में कार्यरत रहे हैं, उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। यह सबसे बड़ी बिल्लियों के रूप में देखा जाता है। 29 जुलाई, 2023 की गणना के अनुसार वर्तमान में हमारे पास कुल 3682 बाघ उपलब्ध हैं। एक अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर अस्तित्व में आया था और कुल 09 टाइगर रिजर्व थे, जो कि आज बढ़कर 53 हो गये हैं, जो इस वर्ष के अन्त तक बढ़कर 56 होने की पूर्ण सम्भावना है।

प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत जिम कार्बेट पार्क से हुई थी। भारत में कुल 18 टाइगर स्टेट हैं। विश्व में सबसे बड़ा टाइगर आमूर टाइगर होता है, जिसे साइबेरियन टाइगर भी कहते हैं। इस कार्यशाला में संजय सिंह, पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश (सेवानिवृत्त), संजय पाठक निदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व लखनऊ, डा. उत्कर्ष शुक्ला उप निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ, आर.के.नेगी क्षेत्रीय वनाधिकारी प्राणि उद्यान लखनऊ, अमिता कनौजिया विभागाध्यक्ष जीव विज्ञान लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही लखनऊ के बएससी, एमएससी व पीएचडी कर रहे छात्र और छात्राऐं उपस्थित रहे ।

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