#गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने से लगता है मिथ्या कलंक
#भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुनें
Ganesh Chaturthi 2023: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चांद को देखना वर्जित माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चांद को देखने से मिथ्या कलंक लगता है. इस कारण से इस दिन चांद को देखने से बचना चाहिए. इसके पीछे का मुख्य कारण चांद का श्रापित होना है. भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था,जिस कारण भगवान गणेश के जन्मदिन यानी गणेश चौथ के दिन चंद्रमा का दर्शन वर्जित माना गया है.
‘भाद्रशुक्लचतुथ्र्यायो ज्ञानतोऽज्ञानतोऽपिवा। अभिशापीभवेच्चन्द्रदर्शनाद्भृशदु:खभाग्॥’
इस श्लोक का अर्थ है कि जो भी व्यक्ति भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चांद का दर्शन जानबूझकर या अंजाने में करेगा. उसे बहुत अधिक दुखों का सामना करना पड़ेगा. इस कारण इस दिन भूल से भी चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते हैं. इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से मिथ्या कलंक लग जाता है.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस कारण इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र में लोग चांद को अर्घ्य देकर पूजा शुरू करते हैं. वहीं, उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखना अशुभ माना जाता है.
गणेश चतुर्थी पर गलती से दिख जाए चांद तो क्या करें…
वैसे तो इस दिन चांद का दीदार करने से बचना चाहिए, लेकिन अगर फिर भी आपने गलती से चांद देख लिया है तो आप कुछ उपायों को अपनाकर इसके अशुभ प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं.
1- भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुनने या इसका पाठ करने से अशुभ फल दूर होता है.
2- अपने पड़ोसी की छत पर एक पत्थर फेंक दें.
3- शाम के समय अपने अतिप्रिय निकट संबंधी से कटुवचन बोलें और अगले दिन सुबह उससे माफी मांग लें.
4- आईने में अपनी शक्ल देखकर उसे पानी में बहा दें.
5- 21 अलग-अलग पेड़ों के पत्ते तोड़कर अपने पास रखें.
6- मौली में 21 दूर्वा बांधकर मुकुट बनाएं और इस मुकुट को गणपति मंदिर में गणेश जी के सिर पर सजाएं.
7- रात के समयय मुंह नीचे और आंखें बंद करके आकाश में स्थित चंद्रमा को आईना दिखाएं, इसके बाद इस आईने को चौराहे पर जाकर फेंक दें.
8- गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति पर 21 लड्डूओं का भोग लगाएं, इनमें से पांच लड्डू अपने पास रखकर शेष ब्राह्मणों में बांट दें.
9- शाम के समय सूर्यास्त से पहले किसी पात्र में दही में शक्कर फेंट लें, इस घोल को किसी दोने में रखकर इस घोल में अपनी शक्ल देंखे और अपनी समस्या मन ही मन कहकर इस घोल को किसी कुत्ते को खिला दें.