लखनऊ। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान चिड़ियाघर का मछली गृह पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन वर्तमान में चिड़ियाघर के मछली गृह में बहुत कम संख्या में पर्यटक घूमने आ रहे हैं। ऐसा इसीलिए क्योंकि यहां गंदगी और अंधेरा है। इसके अलावा फाउंटेन में पानी भी नहीं आ रहा है। मछली गृह की जलपरियां पानी के लिए तरस रही हैं। वहीं चिड़ियाघर के निदेशक आर.के. सिंह का कहना है कि कोरोना काल में चिड़ियाघर बंद था। मोटर खराब होने के कारण पानी की सप्लाई बंद है। जल्द ही मछली गृह के फाउंटेन में पानी रहेगा।
दरअसल, मछली गृह चिड़ियाघर का मुख्य केन्द्र है। घूमने-फिरने आए लोग मछली गृह घूमने जरूर जाते हैं। कोरोना काल में लगभग एक साल तक चिड़ियाघर बंद था। पांच महीने बाद चिड़ियाघर खुला, लेकिन अभी तक साफ-सफाई नहीं हुई है। मछली गृह में धूल जम गई है और फाउंटेन में भी गंदगी है। बता दें कि पहले मछली गृह में साफ-सफाई व अच्छी लाइटिंग व्यवस्था थी। लेकिन, इस समय मछली गृह में घना अंधेरा रहता है। यहां आने वाले लोग मछली गृह के अंदर जाते तो हैं, लेकिन अंधेरे की वजह से डर की वजह से वापस आ जाते हैं। मछली गृह में मोटर खराब होने की वजह से फाउंटेन में पानी नहीं आ रहा है। इस वजह से फाउंटेन में बैठी तीन जलपरियां पानी के लिए तरस गई हैं। इसके अलावा फाउंटेन में काफीं गंदगी भी देखने को मिल रही है।
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अधिकारियों को साफ-सफाई का ध्यान देना चाहिए
बच्चों के साथ घूमने आए अभिभावकों ने बताया कि कोरोना कल से पहले यहां घूमने आते थे, तो मछली गृह काफी खूबसूरत लगता था। जब भी चिड़ियाघर आते थे तो मछली गृह जरूर जाते थे। मगर इस समय मछली गृह की स्थिति बेहद खराब है। अंधेरे और गंदगी की वजह से स्थिति काफी खराब है। अधिकारियों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।https://gknewslive.com