धर्म कर्म: इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज का सतसंग एवं नामदान कार्यक्रम 26 व 27 नवम्बर 2023 को, प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान व भजन नित्य की भांति स्थान- बाबा जयगुरुदेव आश्रम, जयगुरुदेव नगर, निकट इटियाथोक, जिला गोण्डा, उ.प्र. में होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर का वध करके देवताओं की इच्छा पूर्ति की, देव प्रसन्न होने से त्रिपुरारी कहलाए। ऐसा कैसे और क्यों हुआ? मनुष्य शरीर किस काम के लिए मिला ? अकाल मृत्यु तथा आने वाली भयंकर मुसीबत से बचेंगे कैसे ? आदि की जानकारी के लिए दो दिवसीय आध्यात्मिक सतसंग कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
सतसंग में बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, बाबा उमाकान्त जी महाराज कार्तिक पूर्णिमा से लाभ के बारे में बताएंगे तथा मनुष्यों से जान-अनजान में जो बुरे कर्म बन गए, पाप लग गया जिसकी वजह से बुद्धि खराब हो रही, लड़ाई-झगड़ा, चोरी, बेईमानी, ठगी, परनारी गमन, देशद्रोहिता, हिंसा-हत्या में मन लग रहा है। इससे मुक्ति कैसे मिलेगी? इसके बारे में बाबा जी बतायेंगे क्योंकि लोगों को भारी पाप जो लग गया, वह जब खत्म होगा तभी जीने का सुख मिलेगा।
इस धर्म धरती पर इस वक्त के समर्थ गुरु सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं जिनके दर्शन करने, सतसंग सुनने से देश-विदेश के बहुत से लोगों को बीमारी, टेंशन में फायदा हुआ है तथा जो नामदान लेकर इस चेतन शरीर से चेतन प्रभु की पूजा, ध्यान में लग गए हैं और उनके अन्त समय के मुक्ति-मोक्ष का रास्ता भी खुल गया है। अतः आप इस सूचना को निमंत्रण कार्ड मानकर सपरिवार, रिश्तेदार, मित्रों सहित आइए, बाबा जी का दर्शन करिए, सतसंग सुनिए, सुख, समृद्धि, शान्ति पाइए और अंत समय में नाम की जहाज पर बैठकर भवसागर से पार हो जाइए।
जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव नाम की ध्वनि रोज एक घण्टा लगातार बोलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता। आजमाइश करके देख लो जयगुरुदेव नाम प्रभु का ही है। जब मुसीबत में आदमी देवी-देवता फरिश्ते मददगार नहीं होंगे तब यह जयगुरुदेव नाम शाकाहारी, चरित्रवान, नशामुक्त लोगों के लिए मददगार होगा।