धर्म कर्म: मनुष्य द्वारा कुदरत के नियमों को निरंतर तोड़ने से नाराज हो चुकी कुदरत के आने वाले जबरदस्त कहर से बचने के लिए शिक्षा देने वाले, दुखहर्ता, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत जी महाराज ने उज्जैन से आकर जयगुरुदेव नगर (गोंडा) में आयोजित सत्संग व नामदान कार्यक्रम में उपस्थित होकर जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बताया की इस मानव मंदिर में हमें शाकाहारी व नशामुक्त रहकर अपने पारिवारिक व सामूहिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए.
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन कन्हैयालाल गुप्ता, माता प्रसाद मौर्या व अन्य प्रेमियों के सहयोग से किया गया. सत्संग की इच्छा लिए प्रेमी दूर- दूर से अपने परिवार संग आये इन सब का भक्ति भाव देखने लायक था. इस पूरे कार्यक्रम में सभी लोगों के लिए भोजन- पानी व रहने के उचित प्रबंध सेवादारों द्वारा किया गया.
संत उमाकांत जी महाराज ने कार्यक्रम में विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा का महत्व, आने वाली भयंकर मुसीबतों से बचने का रास्ता बताया इसके साथ ही नामदान दिया. इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक विनय कुमार द्विवेदी, बलरामपुर विधायक पलटू राम, वरिष्ठ समाजसेवी नागेश्वर द्विवेदी, भसंडा प्रधान ललित शुक्ल, कमलेश तिवारी, डॉ अनिल त्रिपाठी, संगत मंडल जोन इंचार्ज सत्यप्रकाश शुक्ला व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लेकर कार्यक्रम में सहयोग किया.