लखनऊ : विश्व विख्यात निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, देश समाज पारिवारिक व व्यक्तिगत स्तर पर हर तरह की समस्याओं तकलीफों व बीमारियों में आराम मिलने का उपाय बताने वाले, आत्मा के कल्याण और देवी-देवताओं के दर्शन का दुर्लभ रास्ता नामदान देने वाले इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने 26 दिसम्बर को लखनऊ के लोगों पर अपनी दया की वर्षा की। आपको बतादें, कल मंगलवार को अगहन पूर्णिमा के शुभ अवसर पर लोनी नदी तट, निकट सैनिक ढ़ाबा, रहमत नगर, सुल्तानपुर रोड पर सत्संग व नामदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहाँ भक्तों ने हजारों की सांख्य में पहुँच कर बाबा जी का आर्शीवाद प्राप्त कर नामदान लिया।

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अपने संदेश में बाबा जी ने कहा कि, यह मनुष्य शरीर किराये का मकान है। साँसों की पूंजी खत्म होने पर सबको एक दिन इसे खाली करना पड़ेगा। यह देव दुर्लभ अनमोल मनुष्य शरीर केवल खाने-पीने, मौज-मस्ती करने के लिए नहीं मिला है। मनुष्य शरीर का असली उद्देश्य जीते जी प्रभु को प्राप्त कर लेना है। श्मशान घाट पर शरीर को मुक्ति मिलती है आत्मा को नहीं। आत्मा की मुक्ति तब होगी जब आप इस मानव शरीर में रहते हुए पुण्य कर्मों के माध्य्म से अपने परमेश्वर, परमपिता परमात्मा को प्राप्त कर लेते हैं। महाराज जी ने आगे खा कि, इस कलयुग में प्रभु प्राप्ति का सीधा सरल रास्ता पांच नामों का नामदान है। जो आदि से चला आ रहा और अंत तक रहेगा। सन्तमत की साधना सभी लोगों के लिए सरल है। यकीन करो जय गुरु देव नाम प्रभु का है। इसमें उस मालिक की पूरी ताकत है। बोलने से फायदा मिलेगा। मौत के समय पीड़ा इसी नाम को बोलने से कम होगी। दुःख, तकलीफ, बीमारी में राहत पाने के लिए शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त रहकर सुबह-शाम, रोज रात को सोने से पहले भाव के साथ बराबर कुछ दिन जय गुरु देव नामध्वनि बोलने से फायदा दिखने लगेगा। आजमाइश करके देख लीजिए। ऐसे बोलना रहेगा- जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयजय गुरुदेव

कई अतिथि सत्संग में रहे रहे मौजूद:-

इस बेहद दुर्लभ पांच नामों के नामदान और सत्संग कार्यक्रम में मलिहाबाद विधायका जया देवी कौशल, विधायक अमरेश रावत, आर.के. पांडेय, आर.पी. त्रिपाठी, लल्लू वर्मा, निखिल मिश्रा-चेयरमैन गोसाईगंज, वरिष्ठ समाजसेवी नागेश्वर द्विवेदी, नितिन सोनकर, ललित शुक्ला, के.के. तिवारी के साथ ही अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में आए प्रभू प्रेमी मौजूद रहे।

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