INDIAvsMALDIVES: भारत और मालदीव के बीच अब रिश्ते पहले जैसे मधुर नहीं रहे। प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा से कुंठित मालदीव के कुछ सत्ताधारी नेताओ ने जब से भारत के प्रधानमंत्री और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है, तभी से मालदीव का टूरिज्म सेक्टर घाटे में चला गया है। भारत में चल रहे बॉयकॉट मालदीव अभियान के चलते अब तक 4000 से भी अधिक यात्रियों ने मालदीव के लिए अपनी अग्रिम बुकिंग रद्द कर दी है। इसके बाद अब मालदीव अपने टूरिज्म व्यापार को लेकर चीन के भरोसे बैठा है।
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव टूरिज्म के लगातार गिरते व्यापार और पर्यटकों की संख्या पर विचार करते हुए अब चीन के सामने अपने हाथ फैलाये हैं। उन्होंने चीन से आग्रह किया है कि, चीन अधिक से अधिक पर्यटकों को मालदीव भेजे। आपको बताते चलें कि, बीते 10 सालों में मालदीव में चीनी और भारतीय पर्यटकों की संख्या में कुछ ख़ास अंतर नहीं रहता था, लेकिन पिछले 3 सालों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला था। मालदीव के अच्छे चल रहे टूरिज्म व्यापार के दुश्मन खुद उनके राष्ट्रपति और उनकी सरकार में बैठे मंत्री बन गये, जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर आपत्तिजनक बयान दिए थे। हांलाकि, मालदीव एसोसिएशन ऑफ़ टूरिज्म इंडस्ट्री की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी से माफ़ी मांगी गयी है और रिश्ते को सुधारने की कोशिश की गयी है, लेकिन बात बनते हुए दिखायी नहीं दे रही। जिसके बाद अब मालदीव राष्ट्रपति ने चीन के सामने झोली फैलायी है।