धर्म कर्म: देश-विदेश में शाकाहार और नशामुक्ति का बिगुल बजाने वाले, प्रेत बाधा को दूर करने का उपाय बताने वाले, निर्मल ह्रदय वाले से जल्दी खुश होने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जबलपुर में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो पूर्णिमा आती है, कोई न कोई आदेश दिया जाता है। प्रेमियों को अभी बताया गया था कि शाकाहारी का प्रचार जोर-शोर से करो। आप योजना बनाये हो कि हम मध्य प्रदेश की राजधानी में पूर्णिमा के दिन समापन करेंगे, आपने हमको भी निमंत्रण दिया है तो मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करता हूं। गुरु महाराज की दया मौज रही, स्वास्थ्य सही रहा तो मैं भी आपके शाकाहारी नशा मुक्ति अभियान में समापन समारोह में उपस्थित हो जाऊंगा। ऐसे ही सब लोगों को योजना बना लेनी चाहिए। योजना आप बनाइए और शाकाहारी नशा मुक्ति का प्रचार करिए। आगामी माघ पूर्णिमा का कार्यक्रम 23, 24 फ़रवरी 2024 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में होगा। और गुरु महाराज की दया मौज रही, स्वास्थ्य सही रहा तो होली का कार्यक्रम हमेशा की तरह से उज्जैन आश्रम पर ही होगा। आप सबको निमंत्रण देता हूँ।
रोशनी तेज रहे, तो भूत कम आते हैं
रोशनी में भूत नहीं आते हैं। रात को रोशनी करके, जो रोशनी में लेटते हैं, उनको चुड़ैल भूत नहीं दबाते हैं। रोशनी तेज रहे तो उसमें कम आते हैं क्योंकि डरते छिपते रहते हैं कि हमारे ऊपर कोई हथियार न चला दे। कोई चाकू गंडासा फरसा कुल्हाड़ी हमारे ऊपर न चला दे। वो अंधेरे में रहते हैं। ऐसे कुछ जानवर होते हैं जो रात को शिकार करते हैं, उनकी आंखें गोल होती है। कुत्ते की आंखें गोल, चमकीली होती है, उसे दूर से (ही भूत) दिखाई पड़ता है। रात को कभी भौंकने लगता है तो उसके घर का मालिक ही सोचता है कि किसको भौंक रहा है, मुझे तो कोई दिखाई भी नहीं पड़ रहा है तब वो कुत्ते को ही मारता, डांटता है। तो दरवाजे के सामने से भूत घर में अगर घुस गया तो भौं-भौं करता है। तो मालिक अगर निकले तो भी कुत्ता भौंकेगा क्योंकि देखता है (कि भूत) मालिक के पीछे खड़ा हुआ है। मालिक कहता है कि हमारी बिल्ली हम से म्याउं, जिस पत्तल में खाता उसी में सुराख करता है, हम खिलाते हैं और हमीं पर भौंक रहा है तो कुत्ते को मारने-पीटने लगते हैं। तो मारना नहीं चाहिए, समझना चाहिए, जरूर कोई बात है। यह किसी चीज को देख रहा है, जिसको हम नहीं देख रहे हैं। तो इनको दूर तक दिखाई पड़ता है। शेर, बिल्ली रात को शिकार करते हैं, इनको दूर तक दिखाई पड़ता है।
प्रभु सतगुरु किस से खुश रहते हैं? किसे पसंद करते हैं? किससे राजी रहते हैं
निर्मल हृदय वाले से। जिसके अंदर छल-कपट नहीं होता है, जो झूठ नहीं बोलता है, तरह-तरह से धोखा नहीं देता है, उसका हृदय निर्मल होता है, उसको प्रभु बहुत पसंद करते हैं। कहा गया है- तन मन से सांचा रहे, सतगुरु पकड़े बांह, काल कभी रोके नहीं, देवे राह बताये। काल भी रास्ता नहीं रोकता है अगर तन से, मन से, हृदय से सच्चे रहो और सतगुरु का हाथ पकड़े रहो। उनका हाथ अगर न छोड़ो तो काल भी कुछ नहीं कर सकता है। काल कर्म की चले न बाजी, तो गुरु ऐसे को पसंद करते हैं, ऐसे से गुरु राजी, खुश रहते हैं। गुरु राजी तो करता राजी, काल करम की चले न बाजी।