धर्म कर्म: पहले के समय में जब आम लोगों से लेकर सेठ-साहूकार तथा राजा सभी लोग वक्त के समर्थ सन्त के दर्शन, सतसंग का लाभ लेते थे तथा उनके बताएं रास्ते पर जब चलते थे तो सभी लोग स्वस्थ, खुशहाल रहा करते थे, परंतु जब से समर्थ सन्त से दूर हुए तब से झोपड़ी से महल तक रहने वाले लोग इस समय दुखी दिखाई पड़ रहे हैं और जो शरीर पूजा, इबादत, भजन के लिए मिला इससे गुनाह करके रुह यानी जीवात्मा को दोजखनों में ढकेल दे रहे हैं। कठिन परिस्थितियों में दुःख दूर करने के लिए वो प्रभु किसी न किसी को धरती पर सन्त-महात्माओं के रूप में भेजा करता है जैसे- कबीर साहब, गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज, बाबा जयगुरुदेव जी महाराज आदि।
इस समय पर बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकान्त जी महाराज देश – विदेश में घूम कर लोगों के घर-घर की बीमारी, लड़ाई-झगड़ा, टेंशन दूर करके रोजी-रोटी में बरकत मिलने का उपाय बताने के साथ- साथ इसी मनुष्य शरीर में प्रभु का दर्शन कराके रुह को निजात दिलाने का काम कर रहे हैं। बाबा उमाकान्त जी महाराज के आदेशानुसार उनके प्रेमी जन जागरण धार्मिक यात्रा निकालकर प्रचार करते हुए राजा भोज की नगरी भोपाल में समापन के लिए आ रहे हैं। प्रेमियों के आग्रह पर बाबा उमाकान्त जी महाराज ने सतसंग व नामदान देने की प्रार्थना स्वीकार कर ली है।
तीरथ गए एक फल, सन्त मिले फल चार। सतगुरु मिले अनेक फल, कहत कबीर विचार ।।
इस दिन होगी दया की बरसात…
वक्त के समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा सतसंग एवं नामदान 23 फरवरी 2024, दोपहर 3 बजे से व 24 फरवरी को सुबह 11 बजे से सतसंग स्थल- जम्बूरी मैदान, पिपलानी, अवधपुरी रोड, भेल भोपाल, मध्यप्रदेश में समय परिस्थिति अनुकूल होने पर होगा। आप लोगों से करबद्ध प्रार्थना है कि आप सब सपरिवार ऊपर लिखे कार्यक्रम के अनुसार पधार कर दर्शन, सतसंग और नामदान का लाभ जरूर ले लीजिए।