Satyapal Malik CBI Raids: CBI ने किरु पनबिजली परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों और उनके करीबियों के ठिकाने समेत कुल 29 स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे. जिसे लेकर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रतिक्रिया दी है.
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पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं ओर हस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है।
में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं। में…— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 22, 2024
उन्होंने आज सुबह अपने सोशल मीडिया एक्स के अकाउंट के माध्यम से एक बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने लिखा कि, पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं ओर हस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने एक और पोस्ट करते हुए CBI और सरकार पर भी निशाना साधा है।
मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी की उन व्यक्तियों की जांच ना करके मेरे आवास पर CBI द्वारा छापेमारी की गई है।
मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का ग़लत दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है।
मैं किसान का…— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 22, 2024
उन्होंने अपने अगले पोस्ट में कहा कि, मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी की उन व्यक्तियों की जांच ना करके मेरे आवास पर CBI द्वारा छापेमारी की गई है। मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का ग़लत दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि, मै किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं, मै किसानों के साथ हूं, ना में डरूंगा, ना झुकूंगा।
आपको बतादें, ये छापेमारी किरु हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हुई है। साल 2022 में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस मामले की सीबीआई जाँच की मांग की थी. सत्यपाल मलिक ने ही ये मामला उठाया था। उन्होंने ये दावा भी किया था कि, दो कॉन्ट्रैक्ट के बदले उन्हें जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहते हुए 300 करोड़ रुपये की घूस की पेशकश की गई थी।