Itanagar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर हैं, जहां पर वे कई प्रकार की परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्धघाटन कर रहे हैं. पीएम मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लम्बी टनल ‘सेला टनल’ का उद्घाटन किया। आपको बताते चलें कि 825 करोड़ रुपये की लागत में बनी इस सुरंग की आधारशिला भी पप्रधानमंत्री द्वारा 9 फरवरी 2019 को रखी गयी थी. यह सुरंग चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तेजपुर को तवांग से जोड़ती है।

सुरंग से जुड़े 5 रोचक तथ्य

1) सेला सुरंग 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी दो लेन वाली सुरंग होगी। सुरंग का उद्देश्य बालीपारा-चारिद्वार-तवांग रोड पर बर्फबारी और भूस्खलन से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

2) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा क्रियान्वित इस परियोजना में दो सुरंगें और एक लिंक रोड है। सुरंग 1, 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है, जबकि सुरंग 2, 1,555 मीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग है, जिसमें एक बाई-लेन ट्यूब यातायात के लिए और दूसरी आपातकालीन सेवाओं के लिए है। इन सुरंगों के बीच लिंक रोड 1,200 मीटर तक फैली हुई है।

3) सेला सुरंग परियोजना की आधारशिला 9 फरवरी, 2019 को प्रधान मंत्री मोदी द्वारा रखी गई थी। इस व्यापक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 90 लाख से अधिक मानव-घंटे की आवश्यकता थी, जिसमें पिछले पांच वर्षों से प्रतिदिन औसतन 650 श्रमिक योगदान दे रहे थे। निर्माण के लिए लगभग 71,000 मीट्रिक टन सीमेंट, 5,000 मीट्रिक टन स्टील और 800 मीट्रिक टन विस्फोटक की आवश्यकता थी।

4) सेला सुरंग में उन्नत सुरक्षा और दक्षता के लिए जेट फैन वेंटिलेशन, अग्निशमन उपकरण और एससीएडीए-नियंत्रित निगरानी जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।

5) सेला दर्रे से 400 मीटर नीचे स्थित, सेला सुरंग सर्दियों के मौसम के दौरान भी एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रदान करती है। सुरंग चीन-भारत सीमा पर सैनिकों को हथियारों और मशीनरी को तेज़ी से ले जाने में मदद करती है।

 

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