Ways To Start Day To Balance Hormones: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का एक बड़ा कारण सुबह की गलत तरीके से शुरुआत करना भी है। ज्यादातर महिलाएं अपने दिन की शुरुआत सुबह चाय-कॉफी, व्हाइट ब्रेड, रस्क और अन्य स्नैक्स के साथ करना पसंद करती हैं। लेकिन यह शरीर में हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देता है। अगर लंबे समय तक कोई महिला इस तरह अपने दिन की शुरुआत करती है, तो उनकी हार्मोनल असंतुलन की स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अनियमित पीरियड्स, पीएमएस, पीरियड्स के दौरान गंभीर ऐंठन, गर्भधारण में परेशानी, पीसीओएस और थायराइड आदि जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। अचानक वजन बढ़ना या घटना और मूड स्विंग जैसी समस्याएं भी महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन के कारण ही परेशान करती हैं।
अच्छी बात यह है, कि अगर महिलाएं अपने दिन की शुरुआत स्वस्थ तरीके से करें, तो इससे उन्हें सिर्फ हार्मोन्स को संतुलित करने में ही नहीं, बल्कि भविष्य में भी इसके जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डायटीशियन मनप्रीत के अनुसार, सुबह चाय-कॉफी की बजाए कुछ स्वस्थ आदतें फॉलो करने से आपको हार्मोनल असंतुलन से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने दिन की शुरू करने के लिए 3 अच्छी आदतें शेयर भी की हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
हार्मोन्स को संतुलित रखने के लिए दिन की शुरुआत कैसे करें?
1. एलोवेरा जूस पिएं
सुबह उठने के बाद चाय या कॉफी पीने की बजाए आपको अपने दिन की शुरुआत एलोवेरा जूस के साथ करनी चाहिए। इसमें सैलिसाइलेट्स नामक कंपाउंड होते हैं। यह शरीर में सूजन बढ़ाने वाले कणों को कम करके सूजन बढ़ने रोकता है। साथ ही इसे कम करने में भी मदद करता है। इसके लिए आपको एक गिलास (200ml) में 1 चम्मच एलोवेरा जूस मिक्स करके सुबह खाली पेट सेवन करना है।
2. पानी में भीगे नट्स खाएं
आप रात में सोने से पहले एक बर्तन में बादाम, अखरोट और ब्राजील नट्स भिगोकर रख सकते हैं। इनका सुबह खाली पेट सेवन करने से हार्मोन्स को संतुलित रखने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। यह कोशिकाओं की संरचना में सुधार करते हैं और हार्मोनल सेंसिटिविटी में सुधार करते हैं। बादाम में विटामिन ई होता है, यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। यह शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। साथ ही इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है।
3. मालासन में बैठें (Squatting Pose)
इस आसन में बैठने या कुछ मिनट इसका अभ्यास करने से कब्ज से छुटकारा मिलता है। यह आंत को साफ करने में मदद करता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। इस तरह यह आंत को स्वस्थ रखने और हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।