Healthy Lifestyle: अगर हम प्राचीन समय की बात करें तो खाना पकने एवं खाना खाने के लिए मिटटी के बर्तन ही उपयोग में लाये जाते थे. इससे खाना तो स्वादिष्ट बनता ही था और साथ में भोजन सभी पोषक तत्वों के साथ हमारे शरीर में पहुँचता था. आधुनिक समय में इन मिटटी के बर्तनो की जगह स्टील और नॉनस्टिक बर्तनों ने ले ली है लेकिन आज भी कुछ लोग खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मिटटी के बर्तनों में ही खाना पकाते और खाते हैं और शहरी लोगों से ज्यादा स्वस्थ और बीमारी से दूर रहते हैं. जहां शहर के लोग पुरानी सभ्यता भूलते हुए नजर आ रहे हैं तो इसी का लाभ लेकर कुछ व्यापारी मिट्टी के बर्तनों के प्रति आम जनमानस को वापस से जागरूक करते हुए, उन्हें इसका फायदा बताते हुए इसका व्यापार कर रहे हैं.

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आयुर्वेद डॉ. चंद्रेश तिवारी ने बताया कि आयुर्वेद तो हमेशा मिट्टी के बर्तनों को उपयोग में लेने को कहता है. मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. जो शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते है जिससे इंसान कम बीमार पड़ता है. एलुमिनियम स्टील के बर्तन में बने खाने में न्यूट्रीशन कम हो जाते हैं. मिट्टी के बर्तन में बने खाने में ऐसा नहीं होता. स्टील के बर्तनों में खाना खाने से पेट संबंधित बीमारियां भी होती हैं. आप भी इस बात पर गौर करेंगे कि किसी भी स्टील के नए बर्तन को आप लेकर आईये और उसके साल दो साल उपयोग के बाद आप पाएंगे कि उसके वजन में कुछ कमी आयी है. दरअसल वही स्टील हमारे भोजन में रोज मिलकर हमारे पेट तक पहुँचती है और हमें बीमार बना रही होती है. तो आप भी मिट्टी के बर्तनो को उपयोग में लाइए और अपने परिवार को बीमारी से बचाइये.

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