CSKvsDC: क्या आप मान सकते हैं कि कोई ऐसा मैच हो जिसमे एक टीम जीते और एक टीम हारे लेकिन जश्न दोनों टीम के फैंस बराबर रूप से मना रहे हों. ऐसा सिर्फ एक खिलाड़ी ही करवा सकता है जिसका नाम है महेंद्र सिंह धोनी। कल विशाखापट्टनम के मैदान में धोनी के करोड़ो चाहने वालों की मुराद आख़िरकार पूरी हो गयी. चेन्नई दिल्ली कैपिटल्स से 20 रन के अंतर से हार जरूर गयी लेकिन कल किसी भी चेन्नई के फैंस के चेहरे पर निराशा नहीं थी, इसका कारण थी धोनी की धमाकेदार बल्लेबाजी। धोनी बल्लेबाजी करने आठवें नम्बर पर आये और उन्होंने आते ही बड़े शॉट्स खेलने शुरू कर दिए और 16 गेंदों पर 4 चौके और 3 ताबड़तोड़ छक्को के साथ नाबाद 37 रन की पारी खेली। हालांकि उनकी यह पारी टीम के काम न आ सकी क्योंकि धोनी की बल्लेबाजी आते आते टीम लगभग हार चुकी थी.
ऋषभ पंत का कमबैक
कल का मैच दर्शकों के लिए धमाकेदार रहा. गुरु धोनी के सामने चेले पंत थे. ऋषभ पंत भी एक बड़ी दुर्घटना के बाद इस आईपीएल में वापसी कर रहे हैं और पिछले 2 मैच में अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद बड़े रन नहीं कर पा रहे थे लेकिन कल ऋषभ पंत ने भी अपनी वापसी का ऐलान कर दिया और टीम को सँभालते हुए बहुत ही शानदार 51 रन की पारी मात्र 32 गेंदों में खेली जिसमे 4 चौके और 3 आसमानी छक्के थे. पंत की इस पारी की बदौलत दिल्ली ने चेन्नई के सामने 191 रन का एक बड़ा और विनिंग टोटल खड़ा किया। इसके पहले पृथ्वी शॉ(43) और डेविड वार्नर(52) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाकर एक मजबूत नींव रखी. चेन्नई की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज मथीशा पथिराना रहे जिन्होंने 4 ओवर में 31 रन देकर 3 बहुमूल्य विकेट झटके.
धोनी का धमाका
लक्ष्य का पीछा करने उत्तरी चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही. चेन्नई ने अपने दोनों ओपनर कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ और रचिन रविंद्र 7 रन के भीतर ही खो दिए फिर 75 रन के स्कोर पर डेरिल मिचेल का विकेट गिरने से चेन्नई पर हार का बादल मंडराने लगे. एक तरफ अजिंक्य रहाणे ने एक छोर पर अच्छी बल्लेबाजी करते हुए टीम को मैच में बनाये रखा लेकिन पारी के 14वें ओवर में जब 102 के स्कोर पर उनका विकेट गिरा और उसके तुरंत बाद अगली ही गेंद पर समीर रिजवी का विकेट गिरा तो मैच चेन्नई के हाथ से निकल गया. अब दर्शक यही मना रहे थे कि उनके थाला धोनी जल्दी बल्लेबाजी के लिए आएं और उनकी यह मुराद 17वें ओवर में पूरी हुई जब चेन्नई को 23 गेंदों में 72 रन चाहिए थे. धोनी ने एक तरफ अपने पुराने अंदाज में खेलते हुए भरसक प्रयास किया लेकिन दूसरे छोर पर खड़े रविंद्र जडेजा से उन्हें वो सहयोग प्राप्त नहीं हुआ और चेन्नई 20 रन से मैच हार गयी लेकिन दोनों टीम के फैंस को वो मिल गया जो उन्हें चाहिए था.