धर्म-कर्म: निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि आप लोगों ने रैलियां, शोभायात्रा, जीव जागरण यात्रा निकाली लेकिन कम समय में दूरी ज्यादा होने की वजह से सब जगह आप पहुंच नहीं पाए, अब उन जगहों पर जाओ। अगले पूर्णिमा के अंदर आप इसको पूरा करो कि, हर जगह पर जयगुरुदेव नाम को लोग पढ़-सुन लें, जयगुरुदेव नाम उनके कानों में पड़ जाए, लोगों में जागृति पैदा हो जाए। जैसे सोते हुए के कान में जब आपकी आवाज पड़ेगी तब वह जग जाएगा, जाग्रति आ जाएगी। जब जयगुरुदेव नाम कान में पड़ेगा तब प्रभु उनके अंदर जागृति पैदा करेगा और नाम ही पड़ जाएगा, यह नाम जगह बनाएगा। हो सकता है जिसके अंदर गंदगी ज्यादा हो, बहुत मछली-मांस खाया, व्यभिचार, खून-कत्ल किया हो, उसको नहीं भाएगा। उसमें जयगुरुदेव नाम जगह बनाएगा, ये कैसे पता चलेगा? गाली बकेगा, मारने का आंख-हाथ से इशारा करेगा तो समझ लो जयगुरुदेव नाम जगह बना रहा, काम कर रहा है। अगले पूर्णिमा तक यह कोशिश करो कि सबके कान तक आपकी आवाज पहुंच जाए। उसके बाद गुरु महाराज का भंडारा आ जाएगा। भंडारे में कुछ बड़ा जनहितकारी जीवहितकारी आदेश मिल सकता है, गुरु महाराज की जो मौज होगी, उसका आदेश वह दिलवाएंगे। आप लोग अगले पूर्णिमा तक यह अभियान चलाओ और इसके साथ ही साथ भंडारे में लाने की योजना बनाओ।

पुण्य के भागीदार आप कैसे बनोगे:-

जो जानवरों को मारता, उनके मांस को लाता, पकाता, खाता, खिलाता है, सबको बराबर पाप लगता है। पुण्य किसको-किसको मिलता है? जो जीवों को समझाता, बताता, अपने साथ लाता, बस ट्रेन की व्यवस्था करता, रिजर्वेशन कराता, किराए की गाड़ी कर लेता, जो मदद करके दूसरों को लाता, नामदान दिलाता, सतसंग सुनवाता, अपने साथ भजन करवाता, लगातार जो यही काम सेवा भजन करेगा वहां रहेगा, उसमें उसका मन लगवाता है, उसको विश्वास दिलवाता है कि जो बच्चा पैदा होने से पहले मां के स्तन में दूध भर देता है, उस प्रभु पर छोड़ो, बच्चों को, जानवरों को दूसरों को सौंप कर, दो-चार दिन सेवा करके दूध दुहकर वही खा लेंगे, तो ये सब काम जो करता है, वो पुण्य का भागीदार होता है, उसको भी फल मिलता है।

गुरु महाराज के भंडारे में ऐसी दौलत मिलेगी जिसकी कोई कीमत नहीं लगा सकता:-

जीवन बीमा (एजेंट) वालों की तरह आपको कमीशन मिलेगा। जब दुनियावी कमीशन मिलता है तो क्या आपको परमार्थी कमिशन नहीं मिलेगा? क्या उस (प्रभु) के पास कुछ कमी है? उसके पास तो ऐसी दौलत है कि वह दे दे तो उसकी कोई कीमत नहीं (लगा सकता) है। दया वो कर दे तो बहुत बड़ी बात होती है। गुरु के पास क्या कोई कमी होती है? गुरु महाराज देंगे। दाता केवल सतगुरु, देत न माने हार। किसी भिखमंगे से मांगो, वो बहुत दया कर देगा तो उसके पास जो दो-चार रुपए पाया होगा, एक-आध रुपया आपको दे देगा। और अगर किसी राजा-महाराजा, धनी-मानी से मांगो तो वह अपना राज-रियासत भी आपको दे सकता है। तो ऐसे से मांगो जो दे दे, (दे सके)। ऐसे का हाथ पकड़ो जिसके पास कोई कमी नहीं है। लोगों का हाथ उसको पकड़ा दो, जिससे लोगों को भी मिलने लग जाए। आपको मिला, आपकी तकलीफ में आराम मिला तभी तो यहाँ आये हो, धूप में बैठे हो, जो बचा-खुचा जला-भुना मिल गया उसे खा कर संतोष कर लेते हो। यहां ऐसी चीज मिलती है जो दुनिया की दौलत से खरीदी नहीं जा सकती। जो लाभ आपको मिल रहा है, अपने-अपने स्तर से उस लाभ को सबको दिलाओ। जिनसे आपका सम्बन्ध, रिश्ता, पहचान, मित्रता आदि है, सबको लाभ दिलाओ। व्यापार, पढ़ाई में दोस्ती है, निभाना चाहिए। आपको मानने लगेंगे। जैसे दो विद्यार्थी साथ रहते, पढ़ते, दोनों आईएएस हो जाते हैं तो फिर दोनों रिश्तेदारों से ज्यादा रिश्ता निभाने लगते हैं।

2, 3, 4 जून को तीन दिन का भंडारा कार्यक्रम उज्जैन आश्रम पर:-

इसलिए इस परमार्थी काम में भी मदद करो और लोगों को लेकर के आ जाओ। 2, 3, 4 जून को तीन दिन का (भंडारा) कार्यक्रम उज्जैन आश्रम पर होगा। कैसे आना रहेगा? क्या करना रहेगा? जिले प्रदेश के जिम्मेदार आपको बताएंगे, इनसे पूछना। और कुछ लोग (पहले) पहुंच कर वहां तैयारी करा लो, जिससे आने वालों के रहने-खाने, लैट्रिन, पानी आदि की सुविधा हो जाए।

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