Delhi: कथित रूप से दिल्ली शराब नीति घोटाले में शामिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आज 7 मई को भी कोर्ट से राहत नहीं मिली है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि अंतरिम जमानत पर फैसला कब दिया जायेगा। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) से भी कई सवाल किये। ईडी की तरफ से पेश हुए वकील एसवी राजू से कोर्ट द्वारा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के पहले और बाद की सभी फाइलों को पेश करने को कहा गया.

ED के आरोप

ED के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि, केजरीवाल पर इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करने और 100 करोड़ रुपये हवाला के जरिये एक जगह से दूसरी जगह भेजने के आरोप हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने होलसेल व्यापारियों को गलत तरीके से भारी लाभ कराया है. ईडी ने कोर्ट में बताया कि मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 में गवाहों के द्वारा दिए गए बयानों में केजरीवाल का नाम निकलकर आया है. उसके बाद हमने उनपर कार्रवाई की है. ईडी ने कोर्ट में कहा कि शराब कारोबारियों से अरविन्द केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये लिए हैं जिसका सबूत उनके पास है और यह सबूत भी है कि गोवा के जिस 7 स्टार होटल में केजरीवाल रुके थे. वहां के बिल का भुगतान भी चैरियट इंटरप्राइजेज द्वारा किया गया था.

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फसल काटने के दौरान किसान जेल में हो तो क्या बेल दे दें

लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत की गुहार लगा रहे अरविन्द केजरीवाल के वकीलों को कोर्ट ने यह कहकर मना कर दिया कि, कानून के लिए एक राजनेता और आम आदमी दोनों एक ही हैं. यदि किसी किसान की फसल लगी हो और किसान जेल में हो तो फसल काटने के लिए उसे बेल नहीं दिया जा सकता। सबसे पहले उन्हें अक्टूबर में बुलाया गया था. अगर तब आ जाते तो यह नौबत न आती. अब सुनवाई लम्बी चलेगी।

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