धर्म कर्म: बाहरी औपचारिकताएं करने की बजाय तीज-त्योंहारों से असली पूरा आध्यात्मिक फायदा लेने का तरीका बताने वाले, लोगों में अपनी जीवात्मा को मुक्ति-मोक्ष दिलाने की इच्छा जगाने वाले, वक़्त के समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव ऑनलाइन संदेश में बताया कि तीज-त्यौहार विशेष समय पर मनाए जाते हैं। लोगों की सोच, कहना, अनुभव है कि आज के दिन शुरू किया गया काम पूरा हो जाता है, रुकावट नहीं आती है। जब से गंगा जी इस धरती पर आई, बराबर पानी मिल रहा है लोगों को। और नदियां सूख जाती हैं लेकिन गंगा का पानी बहता ही रहता है। अन्न भी बराबर धरती पर रहता है।

आज की तिथि बहुत महत्वपूर्ण है

आज आपको अपने-अपने कार्य को शुरू करना चाहिए और जो पहले शुरू कर चुके हो, उसमें तेजी लानी चाहिए। अपना, जीवात्मा का काम क्या है? दुनिया के काम तो थोड़े समय के लिए शरीर के काम आएगा लेकिन जीवात्मा के काम दुनिया की कोई चीज आने वाली नहीं है। आपका असला काम अपनी जीवात्मा को इस संसार में दुबारा आने, दु:ख झेलने से बचाना है। इसको अपने घर, वतन, मालिक के पास पहुंचाया जाए। यही इस शरीर के अंदर बैठी जीवात्मा का लक्ष्य है, वही हमको आपको बनाना है। आप आज से शुरू करो। गुरु महाराज से दया मांगो। मन मुखता को खत्म करो, गुरु मुखता लाओ। गुरु को समझने, पहचानने की कोशिश करो। जब आज से आप दूसरे काम की तरफ से ध्यान को हटा करके और जब इस काम में लगोगे तो आज से आपके अंदर भाव प्रेम भक्ति उमड़ेगी। जब यह कहा गया है आज के दिन काम शुरू करने से काम पूरा होता है तो क्या आपका काम रुकेगा? आपका काम भी नहीं रुकेगा। आज के दिन आप प्रेमियों से कहना है की भजन, ध्यान, सुमिरन पर ध्यान दो, शुरुआत करो, लगातार आज से आप करते रहो। गुरु के वचनों को याद करके जब लग जाते हैं तो मन मुखता खत्म और गुरु मुखता आ जाती है। भाव भक्ति जब तक अच्छी, पक्की नहीं होती, भाव में कुभाव आता रहता है। लेकिन जब दृढता, मजबूती आ जाती है, गुरु पर विश्वास हो जाता है, वचनों को याद करके गुरु की भक्ति यानी उनके आदेश की पालना में जब लग जाते हैं तब मन मुखता खत्म और गुरु मुखता आ जाती है।

आज अक्षय तृतीया के दिन से आप गुरु महाराज के भंडारे की तैयारी की करो शुरुआत

जैसे आज अक्षय तृतीया के दिन से कोई घर बनाना और अन्य मांगलिक कार्य शुरू करता है, आप भी भंडारे की तैयारी का अभियान शुरू कर दो। और भजन में बरकत हो, भजन में मन आपका स्थिर रह जाए, मन इधर-उधर न डोले, मन आपका कोई खराब न कर पावे इसलिए आज के दिन प्रेमियों बच्चे और बच्चियों संकल्प बनाओ।

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