धर्म : भारतीय संस्कृति में हम छोटों को आशीर्वाद देकर और बड़ों का पैर छूकर उनके प्रति आदर और स्नेह व्यक्त करते हैं। लेकिन, पैर छूना सिर्फ एक क्रिया नहीं बल्कि एक पूरा कर्म विधान है। चरण स्पर्श का अपना एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। हिंदू धर्म में पैर छूने की प्रक्रिया जितनी आस्था और विश्वास से जुड़ी हुई है उतनी ही हिंदू धर्म के मान्यताओं से भी जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि, हिंदू धर्म के अनुसार 7 लोगों को कभी भी अपना पैर नहीं छूने देना चाहिए। इससे दरिद्रता बढ़ती है और आप पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। तो चलिए जानते हैं की वो 7 लोग कौन हैं जिनसे हमें अपने पैरों को बचा कर रखना है।
कुंवारी कन्या:-
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार कुंवारी कन्या से कभी भी पैर नहीं छुआने चाहिए। अगर कुंवारी कन्या आपका पैर छू रही है तो आप पाप के भागी बन सकते हैं। इसलिए यदि कोई कुंवारी कन्या आपके पैर छूने आए तो उसे रोक दें।
श्मशान घाट से लौटते हुए व्यक्ति:-
हिंदू धर्म की मान्यता है कि, श्मशान घाट से आए हुए व्यक्ति को किसी को भी अपना पैर नहीं छूने देना चाहिए। ऐसा करने से खुद का नुकसान होता है।
मंदिर में किसी और के पैर:-
मंदिर को देवी-देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, अगर मंदिर में किसी और के पैरों को छूते हैं तो इससे मंदिर की पवित्रता भंग होती है और हमें देवी-देवताओं का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसलिए मंदिर परिसर में किसी से अपना पैर न छुआएं।
पूजा कर रहे व्यक्ति के पैर:-
जब कोई व्यक्ति पूजा कर रहा हो तो उसे इस बात का ध्यान देना चाहिए कि कोई उनका पैर न छुए। क्योंकि, पूजा करते समय व्यक्ति भगवान से जुड़ा होता है ऐसे में अगर कोई आपके पैर छू लेता है तो आपकी पूजा सफल नहीं होगी।
सो रहे इंसान के पैर न छुएं:-
हिंदू धर्म में मान्यता है कि, किसी भी सोते हुए व्यक्ति के चरण नहीं छूने चाहिएं। ऐसा कहा जाता है कि, लेटे हुए व्यक्ति के पैर केवल एक ही स्थिति में उसकी मृत्यु के पश्चात स्पर्श किए जा सकते हैं।
भांजा-भांजी को पैर नहीं छूने देना चाहिए:-
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार भांजा या भांजी को कभी भी अपने मामा मामी के पैर नहीं छूने चाहिए क्योंकि भांजा या भांजी मान माने जाते हैं यानी वो सम्मान के पात्र होते हैं।
बेटियों को पैर न छूने दें:-
हिंदू धर्म में घर की बेटियों को देवी स्वरूपा कहा गया है। इसलिए बेटियों या कन्याओं को भी पैर नहीं छूने देने चाहिए।
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अस्वीकरण: ये लेख लोक मान्यताओं और सामाजिक ज्ञान पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता की जी. के. न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है और न ही इसकी कोई जिम्मेदारी लेता है।