लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला प्रशासन ने बंसाली गांव में के एक ईट भट्टे पर छापेमारी कर 127 बंधुआ मजदूरों को छुड़ाया है। जिसमें 67 बच्चे भी शामिल है। सभी मजदूर पटना बिहार के बताये जा रहे है। खबरों के मुताबिक, पिछले महीने मजदूरों में से एक मजदूर ने ईंट भट्ठा मालिक के रिश्तेदार द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद संदिग्ध को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस घटना के बाद मजदूरों ने कहा था कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और वो यहां असुरक्षित महसूस करते हैं लिहाजा वो अपने घर वापस जाना चाहते हैं।

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दरअसल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को मिली शिकायत के बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन ने बंसाली गांव में एक ईंट भट्टे में छापेमारी की और 127 बंधुआ मजदूरों को छुड़ाया। जिनमे 67 बच्चे भी शामिल है। छुड़ाए गए सभी लोगों को बिहार के नवादा जिला भेज दिया गया है। उपमंडल मजिस्ट्रेट कुलदेव सिंह ने बताया कि आरोपों की जांच के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। जिसमें पूछताछ के दौरान मामला संज्ञान में आया कि मजदूर बिहार वापस जाना चाहते हैं। उनके लिए एक बस की व्यवस्था की गई और वो मंगलवार को वहां से रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि हर मजदूर को प्रति एक हजार ईटें बनाने पर 400 रुपए दिए जाते थे। यहां काम करने के लिए आने से पहले मजदूरों ने 25-25 हजार रुपए एडवांस में लिए थे। इसके अलावा पुलिस ने श्री राधे ईट उद्योग की मालकिन मुन्नी देवी और उसके बेटे जितेंद्र सिंह के खिलाफ बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 की धारा 16,17 के तहत मामला दर्ज किया है।https://gknewslive.com

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