UP: राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज में करीब एक महीने पहले हुई हत्या के राज ने हर किसी को हैरान कर दिया है। मोहनलालगंज के सुहावा गांव में घर में दफनाए किये गए किशोरी का शव 31 दिन बाद बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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पूरा मामला लखनऊ के मोहनलालगंज के सुहावा गांव का है। घटना के अनुसार आरोपी पिता रामसजीवन की पत्नी सुनीता 19 अप्रैल को मायके गई थीं। जिस बात से रामसजीवन काफी गुस्से में 13 साल की बेटी रंजना व दो छोटे बेटों के साथ अकेले था। 19 मई को जब सुनीता वापस घर लौटीं तो रंजना नहीं मिली। पत्नी द्वारा बेटी के बारे में रामसजीवन से पूछने पर पति उसे बार-बार गुमराह करता रहा और कहता रहा कि वह कहीं लापता हो गई है। बीते सोमवार को सुनीता ने पुलिस को मामले की सूचना देते हुए पति पर बेटी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए केश दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने रामसजीवन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जिसके बाद पता चला कि छह मई की रात उसने रंजना के शव को घर के पीछे दफना दिया था। रामसजीवन ने दावा करते हुए कहा कि बेटी ने खुदकुशी की थी। एडीसीपी साउथ शशांक सिंह ने बताया कि, मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद बुधवार को शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी की मौत की वजह का पता चलने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। पुलिस ने कहा कि, रामसजीवन अभी भी अपनी बात पर अड़ा हुआ है। उसने कहा कि, फोन पर बात करने पर उसने बेटी को डांटा था जिससे दुःखी होकर उसने फांसी लगा ली। वहीँ बदनामी के डर से उसने किसी को बताए बिना शव को घर के पीछे दफना दिया। पुलिस ने ये बभी कहा कि, अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी के हत्या किए जाने की पुष्टि होती तो धारा बदलकर कार्रवाई की जाएगी।

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