छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ से छापेमारी का एक बड़ा मामला सामने देखने को मिला है। बता दें सीबीआई ने 2022 में आयोजित हुई लोक सेवा आयोग परीक्षा में भाई-भतीजावाद आरोप मामले का पर्दाफाश किया औऱ छत्तीसगढ़ के 15 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए छापेमारी की है। जिसकी जानकारी अधिकारियों ने देते हुए कहा कि राजनेताओं, पीएससी अधिकारियों औऱ लोक सेवकों के अयोग्य वाले परिवार के सदस्यों को आकर्षक सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया है। जो कि सरासर गलत है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि रायपुर में छह, दुर्ग में तीन, महासमुंद और धमतरी में दो-दो औऱ सरगुजा और बिलासपुर में एक-एक जगह छापेमारी की गई है।
सीबीआई जांच में खुले कई गहरे राज
इतना ही नहीं अधिकारियों ने ये भी बताया कि सीबीआई ने अपनी जांच में 16 ऐसे उम्मीदवारों के नाम बताए हैं जिन्हें डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य बड़े पदों पर नियुक्ती दी गई थी, हैरानी की बात तो ये है कि इन पदों पर उनकी नियुक्ति नहीं की गई जो इसके योग्य थे, बल्कि जो योग्य नहीं थे उनकी नियुक्ति कर दी गई जिसको लेकर सीबीआई टीम ने छापेमारी की है।
सीबीआई टीम ने ली उम्मीदवार परिसरों की तलाशी
जानकारी के मुताबिक, इस भर्ती प्रक्रिया मामले में चल रही जांच के तहत जांच एजेंसी सीबीआई टीम ने आज यानी की बुधवार को 15 उम्मीदवारों के परिसरों की तलाशी ली, जबकि एक उम्मीदवार के आवास की तलाशी पहले ही ली जा चुकी थी। वहीं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ बीते जुलाई माह में ही अपने बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद की गई थी, जिसकी भनक लगते ही इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई थी।
आपको बता दें इस मामले में जांच कर रही सीबीआई टीम का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया केस में सघनता से जांच किया जाएगा, और जो भी आऱोपी पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस तरह से भाई-भतीजावाद को नौकरी मुफ्त में नहीं बांटने देंगे। ये नौकरी उनके हक में होनी चाहिए जो इसके काबिल है।