धर्म कर्म: आने वाली भयंकर बिमारियों और तकलीफों से बचाने के लिए सबको समय रहते चेताने वाले, बचने के आसान उपाय बताने वाले, इस समय के पूरे त्रिकालदर्शी समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि लोगों के दिमाग में यह बात आ गई कि मांस नहीं खाने से हमारा भगवान नाराज हो जाएगा। लेकिन आगाह करना जरूरी है। अगर आज (शाकाहारी नशामुक्ति सदाचारी के बारे में) बताया समझाया नहीं जाएगा तो आगे आने वाली बीमारियों से लोग कैसे बचेंगे, यह बताना जरूरी है।
हजरत निजामुद्दीन भी सबके लिए फायदेमंद उपदेश करते थे
हजरत निजामुद्दीन यहां बहुत लोग जाते थे। वह इस तरह का उपदेश करते थे जो सबके लिए फायदेमंद होता था। कौन नहीं पसंद करेगा की आग की लपटें आने वाली हैं, तुम्हारा घर जल जाएगा, होशियार हो जाओ। हर कोई होशियार हो जाएगा, चाहे हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाई हो, चाहे जिस जाति मजहब का हो। यह बताया जाए की बाढ़ आने वाला है, अपने जानवरों को, परिवार वालों को निकाल लो। कोई जरूरी नहीं है कि तुम्हारा घर बच जाएगा। इसको भी हर आदमी पसंद करेगा। तो इनका फकीरों का, सन्त महात्माओं का, त्रिकालदर्शियों का काम क्या रहा कि होशियार हो जाओ, संभल जाओ, बुरे रास्ते पर जा रहे हो तो सही रास्ते पर आ जाओ।
राम-कृष्ण भगवान ने भी खूब समझाया मैं भी बराबर समझ रहा हूं
राम ने बहुत समझाया, दूत भी भेजा, संदेशा भी भेजा, विभीषण से भी समझाया, मंदोदरी ने भी खूब समझाया जब नहीं माना तब उसका विनाश करना पड़ा। रावण जैसा विद्वान, ज्ञानी, सिद्धि वाला उस समय मिलता कहां? लेकिन तीन बुराइयां, राक्षसी प्रवर्ती उसमें आ गई- मांस-शराब खाता-पीता था और बुद्धि जब खराब हो जाती थी तब गई दूसरे की मां-बहन को गलत नजर से देखता था। जब नहीं माना तब राम भगवान को उसका विनाश करना पड़ा। कृष्ण भगवान ने भी कौरवों को बहुत समझाया। दूसरे का हक मत छीनो, लेकिन उन्होंने कहा कि हम पांडवों को सुई की नोक के बराबर भी जमीन नहीं देंगे। तब उनको महाभारत कराना पड़ा था। 18 दिन के अंदर 11 अक्षौहिणी सेना, कुछ घंटे में 56 करोड़ यदुवंशी खत्म हो गए थे। यह सब करना पड़ा था।
सन्तमत वाले आगाह करते हैं
आप-हम तो सन्तमत के आदमी है। विनाश वाली बात अपने को करना ही नहीं है। लेकिन आगाह तो करना है, बताना तो है। यह काम हम नहीं करेंगे, आपको भी नहीं करना है। यह लेकिन यह होता आया है, होगा, कोई दूसरा करेगा। लेकिन यह तो होगा ही होगा। क्योंकि परिवर्तनशील संसार है यहां परिवर्तन होता ही रहता है बदलाव यहां बराबर होता रहता है इसलिए परिवर्तन तो होगा ही होगा।