UP News: हाथरस जिले में 2 जुलाई को नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग में हुई भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी। अब इस घटना को लेकर मायावती ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चार्जशीट में भोले बाबा का नाम न होने को जनविरोधी राजनीति करार दिया है और कहा है कि यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है।
मायावती ने अपने बयान में कहा कि चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन भोले बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की चुप्पी इस मामले में उचित नहीं है और इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा। मायावती के अनुसार, आम जनता इस रवैये से चिंतित है और यह सरकार की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
1. यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2024
बसपा सुप्रीमों ने अपने ट्विटर X पर लिखा- यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित।
आगे उन्होंने लिखा – मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित।