UP: बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार को पूरे दिन लोग बुलडोजर कार्रवाई के डर से सहमे रहे। हालांकि प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। शनिवार को लोग खुद अपने मकान और दुकान तोड़ते नजर आए थे, और यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। बतादें, 13 अक्तूबर को दुर्गापूजा के दौरान हुई पत्थरबाजी और रामगोपाल मिश्रा हत्या के बाद से महराजगंज कस्बे में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीँ इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा कर दिया है। पिछले दो दिनों में कुछ स्थिति बदली है और कुछ दुकानों ने फिर से कारोबार शुरू कर दिया है। रविवार को कस्बे की मुख्य बाजार में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं, और गलियों में भी बाजार का यही हाल रहा।

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दूसरी बाजारों में दिखी हलचल:

महराजगंज की घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों जैसे रमपुरवा, खैरीघाट, राजीचौराहा और भगवानपुर चौराहा की बाजारें भी प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब वहां स्थिति सामान्य हो रही है। रविवार को इन बाजारों में हलचल बढ़ी, लोग बाजारों में खरीदारी करने आए, और चाय की दुकानों और होटलों पर भी रौनक रही। मालूम हो कि, लोक निर्माण विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर कस्बे के 23 घरों पर नोटिस चस्पा किया है। इसको लेकर लोगों ने प्रशासन पर पक्षपात के आरोप भी लगाए हैं। कस्बे के निवासी मोहम्मद शकील का कहना है कि, केवल 23 घरों पर ही नोटिस लगाया गया है, जबकि कस्बे में सौ से अधिक मकान पीडब्ल्यूडी के नियमों के खिलाफ बने हुए हैं। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अनुपम कुमार ने बताया कि सड़क क्षेत्र में मुख्य बिंदु से 60 फीट दोनों तरफ जो भी निर्माण हैं, वे अवैध हैं।

मृतक रामगोपाल के परिवार का दर्द:

मृतक रामगोपाल का तीन महीने पहले ही विवाह हुआ था, और रविवार को उनकी पत्नी रोली का पहला करवाचौथ था। वह इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाने की तैयारी में थीं, लेकिन पति की मृत्यु ने उनके जीवन में दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया। करवाचौथ के दिन पूरा परिवार शोक में डूबा रहा। पत्नी, माता-पिता, बहन और भाई का रो-रोकर बुरा हाल था, और घर में मातमी माहौल बना रहा।

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