Chhath Puja 2024: छठ पूजा का उत्सव बिहार के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि इसके साथ लाखों लोगों की गहरी आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। यह व्रत बच्चों की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है। इस साल छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर को समाप्त होगी। 5 नवंबर को छठ पूजा का पहला दिन है, जिसे “नहाय खाय” कहा जाता है। नहाय खाय के दिन सात्विक प्रसाद बनाया जाता है, जिसमें कद्दू भात प्रमुख होता है। अगर आप भी छठ पूजा कर रही हैं, तो कद्दू भात बनाने की पारंपरिक विधि जानना जरूरी है।

यहां “कद्दू” का मतलब लौकी से है, क्योंकि कई स्थानों पर लौकी को ही कद्दू कहा जाता है। नहाय खाय के दिन चने की दाल और अरवा चावल बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

कद्दू बनाने के लिए सामग्री:

आधा किलो लौकी
आधा कप चने की दाल
सेंधा नमक
आधा चम्मच हल्दी पाउडर
एक कप पानी
दो कटी हरी मिर्च
आधा टीस्पून जीरा
एक चौथाई चम्मच हींग
एक-दो चम्मच घी
एक-दो सूखी लाल मिर्च
दो-तीन तेज पत्ता

कद्दू भात बनाने की विधि:

कुकर में लौकी और चना दाल को एक कप पानी के साथ मिलाएं। इसमें हल्दी और स्वाद अनुसार नमक डालें। कुकर को बंद करके दो सीटी लगने दें। इससे लौकी और दाल अच्छी तरह पक जाएंगी। इसके बाद एक कढ़ाही में घी गर्म करें, उसमें जीरा चटकाएं। फिर तेज पत्ता, कटी हरी मिर्च, सूखी मिर्च और हींग डालें। जब मसाले अच्छी तरह से भुन जाएं, तो पकाई गई लौकी और दाल इसमें मिला दें। अब इसे 5-8 मिनट तक पकाएं और फिर अलग रख दें।

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भात बनाने की विधि:

  • अरवा चावल को आधे घंटे के लिए पानी में भिगोएं।
  • इसके बाद, चावल का दोगुना पानी प्रेशर कुकर में डालें और एक सीटी आने तक पकाएं।
  • कुकर को ठंडा होने दें और फिर कद्दू-भात का भोग लगाएं।
    इस तरह पारंपरिक रूप से बनाए गए कद्दू भात के साथ छठ पूजा का प्रसाद तैयार होता है, जो पूजा में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

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