Lekhpal Recruitment: उत्तर प्रदेश में लेखपाल के पदों की संख्या बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है, खासकर जब प्रदेश की आबादी बढ़ रही है और लेखपालों की उपलब्धता मानक के अनुसार नहीं हो पा रही है। इस संदर्भ में, राजस्व परिषद ने जिलों से लेखपाल के रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है और यह भी पूछा है कि उनके यहां कितने अतिरिक्त लेखपालों की आवश्यकता है। यह कदम प्रदेश के राजस्व वादों के शीघ्र निपटारे और सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए उठाया जा रहा है।
लेखपालों की कमी
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में करीब 5300 लेखपाल के पद खाली हैं, जबकि 30,837 पदों में से कई जिलों में लेखपालों की कमी है। मानक के अनुसार, प्रत्येक राजस्व निरीक्षक पर पांच लेखपाल होने चाहिए, लेकिन कई जिलों में यह अनुपात नहीं है। कई क्षेत्रों में एक लेखपाल को कई जगहों का काम करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री का निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि वर्षों से लटके हुए राजस्व वादों को जल्द निपटाया जाए। इसके लिए लेखपालों की संख्या बढ़ाने का विचार किया जा रहा है ताकि ग्रामीण और शहरी इलाकों में सरकारी कार्यों में कोई रुकावट न आए।
योजना और आबादी
प्रदेश में किसानों, गरीबों, विधवाओं और निराश्रित महिलाओं के लिए कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं, जैसे घरौनी अभियान के तहत वरासत रिकॉर्ड करना। इन सभी कार्यों में लेखपालों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए, इन कार्यों को समय पर और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए अधिक लेखपालों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पद वृद्धि प्रक्रिया
जिलों से ब्योरा मिलने के बाद यह तय किया जाएगा कि कितने पद बढ़ाए जा सकते हैं। इसके बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा, और शासन की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को भर्ती के संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा।