UP: उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के प्रस्तावित फैसले के खिलाफ 6 दिसंबर को देशभर में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों द्वारा आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने भी शामिल होने की घोषणा की है। महासंघ ने बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष कमेटी के आंदोलन का समर्थन किया है।
निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध:-
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष अफीफ सिद्दीकी ने जानकारी दी कि, नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) ने वाराणसी और आगरा विद्युत वितरण निगमों तथा चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट को निजी हाथों में सौंपने के फैसले का विरोध किया है। इसके तहत 6 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
कर्मचारियों की चेतावनी:-
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (EEFI) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और NCCOEEE के वरिष्ठ सदस्य सुभाष लांबा ने कहा कि, यदि बिजली के निजीकरण को जल्दबाजी में लागू करने का प्रयास किया गया तो कर्मचारी और इंजीनियर उसी दिन कार्य बहिष्कार कर सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि, लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
आंदोलन का समर्थन:-
राज्य कर्मचारी महासंघ के संरक्षक एसपी सिंह, राज्य अध्यक्ष कमल अग्रवाल और महामंत्री अशोक सिंह ने बिजली निजीकरण के फैसले की निंदा की है। उन्होंने बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष कमेटी के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
कर्मचारियों के साथ खड़ा रहेगा महासंघ:-
महासंघ ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कोई कदम उठाया, तो राज्य कर्मचारी भी इसका सख्त विरोध करेंगे। महासंघ ने लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में बिजली निजीकरण की कोशिशों का कड़ा विरोध करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के आंदोलन में राज्य कर्मचारी महासंघ पूरी तरह साथ खड़ा रहेगा।