लखनऊ। मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती 64 वर्षीय कोरोना पीड़ित संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए। हैरत की बात ये है कि 3 मई से मेडिकल स्टाफ ने परिजनों को मरीज के स्वास्थ्य के बारे जानकारी देना उनके गायब होने की सूचना भी नहीं दी। इसके बाद बुजुर्ग मरीज की बेटी ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर मेडिकल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए। मरीज की बेटी ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम योगी और पीएम मोदी से भी मदद की गुहार लगाई है। बुजुर्ग के लापता होने के बाद प्रिंसिपल जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, बरेली निवासी संतोष कुमार (64 वर्ष) पुत्र सीताराम एमईएस से रिटायर्ड अधिकारी हैं, जो गाजियाबाद के राजनगर एक्टेंशन में अपनी बेटी शिखा और दामाद अंकित के साथ रहते हैं। परिजनों के मुताबिक, 21 अप्रैल को वह बाथरूम में फिसल गए थे, जिससे उन्हें चोट लग गई थी। बेटी शिखा और दामाद ने गाजियाबाद के अस्पताल में इलाज कराया। इस दौरान उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई, जिसके चलते वहां के डॉक्टर ने उन्हें कोविड अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

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बेटी शिखा ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनकी तबीयत के बारे में जानने के लिए कोविड सेंटर का नंबर ले लिया। शिखा के मुताबिक, मेडिकल कर्मचारियों ने 3 मई को बताया था कि उनके पिता का ऑक्सीजन लेवल 92 आने के बाद आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। 3 मई के बाद कोविड सेंटर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कई बार फोन करने के बाद यही कहा जाता था कि कुछ देर में फोन करने को कहकर फोन काट रहे हैं। हालांकि उनकी तलाश में सीसीटीवी कैमरों की भी जांच कराई जा रही है। इस सबंध में एसआईसी डॉ. के.एन. तिवारी, डॉ. ज्ञानेश्वर टंक, कोविड वार्ड प्रभारी डॉ धीरज बालियान समेत कई डॉक्टरों की टीम बनाकर मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। लापता मरीज के गायब होने की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा गया है।https://gknewslive.com

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