UP ESMA: उत्तर प्रदेश में चल रहे आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य सरकार ने एस्मा (ESMA) लागू करने का निर्णय लिया है, जो कि सार्वजनिक सेवाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया एक कानून है। एसा कानून लागू होने से सरकारी कर्मचारियों और अफसरों पर कई तरह की पाबंदियाँ लग जाती हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवश्यक सेवाओं में कोई रुकावट न आए।
एस्मा (ESMA) का उद्देश्य…
आवश्यक सेवाओं की सुरक्षा: इस कानून के माध्यम से सरकारें जरूरी सेवाओं को बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती हैं। इसमें बिजली सप्लाई, ट्रांसपोर्ट, मेडिकल सेवाएँ, पानी की सप्लाई, और सफाई जैसी सेवाएँ शामिल हैं।
गिरफ्तारी और दंड: यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी इस कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे 1 साल की जेल और 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, पुलिस बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार कर सकती है।
लागू की गई नीतियाँ…
धरना-प्रदर्शन पर रोक: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन के चलते किसी भी प्रकार के धरना या महापंचायत पर रोक लगाई गई है।
गिरफ्तारी: कानून लागू होने के बाद कई किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम आवश्यक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जबकि किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में यह देखना होगा कि इस कानून के लागू होने का किसानों के आंदोलन पर क्या प्रभाव पड़ता है और उनकी मांगों को किस प्रकार संबोधित किया जाता है।