UP: रविवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के बयान को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस मुद्दे पर अब विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आलोक कुमार ने कहा कि न्यायाधीश द्वारा दिए गए बयान पर वे क्षमाप्रार्थी नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि, विहिप समान नागरिक संहिता जैसे विषयों पर चर्चा और जागरूकता बढ़ाने के लिए न्यायाधीशों को आमंत्रित करती रहती है। अगर न्यायाधीश ने कहा भी है कि, कानून बहुसंख्यकों के अनुसार काम करना चाहिए, तो भी इसके लिए क्षमा मांगने की जरूरत नहीं है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव का विवादित बयान, कहा – हमारे देश में जो कठमुल्ला है वह देश के लिए घातक है. #BreakingNews #viralvideo #BhoothBangla #UPSC #जस्टिसशेखरयादव #BBKingVivian #TrendingNow #SSC_marks_public_करो pic.twitter.com/c4RcfConL0
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विहिप अध्यक्ष ने कहा कि बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का उतना ही सम्मान होना चाहिए जितना अल्पसंख्यकों को मिलता है। उन्होंने कहा कि जैसे हम गाय का सम्मान करते हैं, वैसे ही इस भावना का आदर किया जाना चाहिए। उन्होंने गोहत्या का विरोध करते हुए कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए ताकि सभी धर्मों का सम्मान सुनिश्चित हो सके।
जज का विवादित बयान:-
न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में टिप्पणी करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय में प्रचलित प्रथाओं जैसे बहुविवाह, हलाला और ट्रिपल तलाक की आलोचना की और इनकी तुलना हिंदू परंपराओं से की। उनकी टिप्पणियों में कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिसे भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष और समतावादी मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है।