Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को पावर कारपोरेशन (Power Corporation)के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (वाराणसी) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (आगरा) के निजीकरण और संविदा कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में 5000 से ज्यादा कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल निगम मुख्यालय का घेराव कर नारेबाजी की।

मुख्यालय पर तालाबंदी:-
प्रदर्शनकारियों ने निगम मुख्यालय के गेट पर ताला लगाकर धरना दिया। इन कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से निजीकरण के फैसले को वापस लेने और छंटनी किए गए कर्मियों को दोबारा सेवा में बहाल करने की मांग की।

स्वीकृत पदों में कटौती का आरोप:-
संविदा कर्मचारियों के नेता देवेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि पावर कारपोरेशन कर्मचारियों का शोषण कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वीकृत पदों को कम किया जा रहा है, जबकि पिछले एक दशक में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इससे बिजलीघर के मौजूदा कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। विरोध प्रदर्शन के कारण मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय का कामकाज ठप हो गया। मुख्य गेट बंद होने से अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय से बाहर या अंदर नहीं जा सके, जिससे रोजमर्रा का कामकाज बाधित हुआ। इस प्रदर्शन में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया और कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्ष जारी रखने का आश्वासन दिया।

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