Delhi Assembly elections 2025: भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विशेष रूप से प्रचार की जिम्मेदारी सौंपते हुए एक रणनीति तैयार की है। पार्टी का मानना है कि योगी का पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों के मतदाताओं पर खासा प्रभाव है, और यही मतदाता दिल्ली में जीत-हार का फैसला करने की स्थिति में हैं। इन क्षेत्रों के 20 प्रतिशत मतदाता दिल्ली में रहते हैं, और भाजपा की योजना योगी की सभाओं से इन मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की है।
योगी आदित्यनाथ चार दिन में कुल 14 सभाएं करेंगे, जिनमें वह न सिर्फ भाजपा की योजनाओं और उपलब्धियों को पेश करेंगे, बल्कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखे हमले भी करेंगे। योगी का अक्रामक प्रचार शैली पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकती है, क्योंकि वह दिल्ली के मतदाताओं के बीच अपने कड़े और सटीक संदेशों से प्रभाव डालने में सक्षम हैं।
इससे पहले, 1998 में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने के लिए आगे किया था, जिससे पार्टी को लंबे समय तक सत्ता में रहने का लाभ मिला था। 2013 में, हालांकि, ये मतदाता आम आदमी पार्टी की ओर झुके, लेकिन भाजपा अब एक बार फिर से इन मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने इस बार विभिन्न वर्गों के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाई है। पार्टी ने महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं और झुग्गी बस्तियों से आने वाले मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए कई वादे किए हैं। वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि भाजपा दिल्ली में सत्ता में आने पर केजी से लेकर पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने का वादा कर रही है, साथ ही ऑटो और टैक्सी ड्राइवर्स के लिए कल्याण बोर्ड गठित करने का भी प्रस्ताव है।